प्रेस वार्ता
                                                                            
                                                                            
                                                                            
                                                                                
                                                                                    दिनांक
                                                                                         
                                                                                        24/10/2025 | 
                                                                                    स्थान
                                                                                         
                                                                                        जयपुर
                                                                                     | 
                                                                                
                                                                            
                                                                        
                                                                    
                                                                    
                                                                    
                                                                        प्रेस वार्ता में राजस्थान में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए चल रहे संगठन सृजन अभियान को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब:
ये प्रोग्राम बड़ा इंपॉर्टेंट है हमारे लिए. उदयपुर डिक्लरेशन हुआ था कांग्रेस का अधिवेशन जो हुआ उदयपुर में, उदयपुर डिक्लरेशन के बाद जो तय हुआ था उसी ढंग से यह प्रोग्राम शुरू किया राहुल जी ने, खड़गे साहब ने. तमाम जिलों में 50 साल से कम उम्र के बनने चाहिए तो 50 जिले राजस्थान में है तो उसके अंदर जो है, एक्सरसाइज शुरू करवाई, ऑब्जर्वर भेजे बहुत ही सीनियर लोग जो हैं, PCC प्रेसिडेंट रहे हुए हैं, केन्द्रीय मंत्री रहे हुए हैं, आज भी वो कांग्रेस के प्रभारी होंगे, इतने लोगों को, एक्स मंत्रियों को सबको भेजा गया है सात दिन के लिए, एक जिला सात दिन के लिए, इतना इंपॉर्टेंट प्रोग्राम है ये. डॉ. सीपी जोशी जैसा सीनियर आदमी है, इनको भेज दिया पहले पंजाब के एक जिले में और फिर तेलंगाना के एक जिले में, ऐसे कई लोग हैं.
तो आप समझ सकते हैं कि कितना इंपॉर्टेंट प्रोग्राम है तो मैंने तय किया कि प्रोग्राम बार-बार तो होगा नहीं तो हमें इसमें जो मंशा हाई कमांड की है, हाई कमांड जो चाहता है कि निष्पक्ष होकर असली फीडबैक हमारे पास आए, वो तभी आएगा जब कोई नेता पंचायती नहीं करेगा, टेलिफोन नहीं करेगा जिलों में, पर्यवेक्षकों से बात नहीं करेगा, अपनी भावना नहीं बताए उनको, और बतानी है तो राहुल गांधी को बता दे, केसी वेणुगोपाल को बता दे, खड़गे साहब को बता दे वो अलग बात  कि मैं ये फील करता हूं, मेरे पास फीडबैक ये आया है. उसमें कोई बात नहीं है, पर पर्यवेक्षकों से कोई बात नहीं करनी चाहिए, जिले में नेताओं को कोई फोन नहीं करना चाहिए कि आप इसका सपोर्ट करो, उसका सपोर्ट मत करो, ये मेरा उम्मीदवार है, ये तेरा उम्मीदवार है. ये होना ही नहीं चाहिए. इस कदर अगर प्रोसेस होगा पूरा तब जाकर ईमानदारी से अच्छे लोग बन पाएंगे. इसलिए मैंने ट्वीट किया कि किसी नेता को, न ही प्रस्ताव पास होना चाहिए कि अमुक नेता को हम अधिकार देते हैं, वो भी नहीं होना चाहिए. तो मेरा स्टैंड आज भी वही है और मैं चाहता हूं कि ईमानदारी से पूरा प्रोसेस हो जाए और कल तो भरा पड़ा था राजस्थान हाउस, तो मैंने कहा, उनको समझाया, आप सब आए हो अच्छी बात है पर दिमाग में रखो अगर ईमानदारी से हम काम करना चाहते हैं, वफादार हैं पार्टी के तो आप बन जाओ, आप में से कोई बन जाओ तो सब वेलकम करेंगे आपका, हम भी वेलकम करेंगे और यदि आप में से कोई नहीं बन पाए, कोई दूसरा बन जाए तो हम सबकी ईमानदारी इसके अंदर है कि हम सब उसका सहयोग करें, चाहे वो कोई व्यक्ति हो एक्स वाई जेड़, चाहे वो मेरे खिलाफ है, आपके खिलाफ है, इनके खिलाफ है, इस बात का कोई मतलब नहीं है. एक बार हाईकमांड ने फैसला कर दिया, तो उसको कामयाब करने से ही कांग्रेस मजबूत होगी, इसके लिए जरूरी है कि हम कोई भी हो जाओ, लिस्ट आते ही वेलकम हो, पूरा सहयोग मिले उसको सभी ग्रुपों का क्योंकि ग्रुप तो छोटे-मोटे सभी जगह होते हैं जिलों में. सबका सहयोग उनको मिले तब वो काम कर पाएगा.
और मैंने मेरा अनुभव बताया कि मैं खुद जिला अध्यक्ष बना हूं जोधपुर में. शिवचरण माथुर जी हों, देवपुरा जी हों, इतने सीनियर नेता थे हमारे, वो पर्यवेक्षक बनकर आ गए वहां मैं बना तब 1977 में. और मैं भी जानता हूं कि उस वक्त में सीनियर भी होते हैं, जूनियर भी होते हैं, कई को डाइजेस्ट नहीं होता है कि ये तो कल का बच्चा है, हम तो 50-55-60 साल हो गए, जो भी है. अब जिला अध्यक्ष की ड्यूटी भी है बनने वाले की कि अब जब वो बन गया तो वो ये नहीं सोचे कि ये कल तक मेरे खिलाफ टिकट मांग रहे, टिकट क्या जिला अध्यक्ष बनने की दौड़ में था, इनको मैं साथ क्यों लूं. वो उसके भी नहीं होना चाहिए. उसकी ड्यूटी है कि वो सबको साथ लेकर चलने का प्रयास करे, सबको साथ लेकर चले. ये संगठन है, मंत्री तो अफॉर्ड कर सकता है कि किसी का काम करे या किसी का नहीं करे. संगठन का आदमी होता है न, चाहे प्रदेश कांग्रेस का हो या किसी पार्टी का हो, प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष बनाना बड़ा मुश्किल होता है, मंत्री बनाना आसान होता है.ये बात में सालों से कहता हूं कांग्रेस के अंदर भी, ये इतनी इंपॉर्टेंट पोस्ट है. तो इसमें बनने वाला सबको साथ लेकर चले और डिक्लेयर होने के बाद में तमाम जो उम्मीदवार हैं, मैं पहले ही कह देता हूं, आज शाम को वहां तो 4 बजे मीटंग होगी, उन सबकी ड्यूटी है कि जैसे ही डिक्लेयर हो जाए मीटिंग के बाद में,आज हो, कल हो, 10 दिन बाद में हो, तय तो वो करेंगे, उन सबको चाहिए उम्मीदवारों को, कि अब बात खत्म हो गई, अब जो बन गया है, हम उसको स्वीकार करते हैं, उनका सहयोग करेंगे और वेलकम करेंगे. पब्लिक भी आपको एप्रिसिएट करेगी और कांग्रेस मजबूत होगी जो आज आवश्यकता है देश को भी, देश को आवश्यकता है कांग्रेस की. चाहे सरकार मोदी जी की हो क्योंकि कांग्रेस पार्टी सभी जाति, सभी धर्म को साथ लेकर चलती है. इसलिए कांग्रेस का मजबूत होना आवश्यक है ये मेरा मानना है. मजबूत तब होगी जब हम लोग मतभेद भूलें और सब लोग लग जाएं.