Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

आज जयपुर स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत :

दिनांक
01/11/2025
स्थान
जयपुर


बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए चुनावी वादों से जुड़े सवाल पर जवाब :

नीतीश कुमार जी कह रहे हैं ? कब कहा उन्होंने ? मुझे तो बहुत ही डाउट लगता है क्योंकि कल जो मैनिफेस्टो उनका डिक्लेयर हुआ, जिस रूप में वो उठ कर चले गए, जब उन्होंने देखा जब मुझे तो मुख्यमंत्री बनाएंगे नहीं ये तो मैं फिर मैनिफेस्टो वादे मैं क्यों करूं ? मैं वादे क्यों करूं पब्लिक से कल मुझे कहेंगे कि आपने वादे किए थे इसलिए वो रुके नहीं एक सेकंड भी, कोई 26 सेकंड का शायद वो हुआ लगभग तो मीडिया वाले कहने लग गए हमारी जिंदगी का सबसे छोटी प्रेस कॉन्फ्रेंस आज देखी है हमनें, ये तो स्थिति है, तो नीतीश कुमार जी फॉर्मेलिटी कर रहे होंगे जो आप कह रहे हैं, हो सकता है वो कल किसी स्पीच में कहा होगा, कहने के लिए कह दिया होगा, पर वो मन में समझ गए कि मुझे बना नहीं रहे हैं बीजेपी वाले और उसे रूप में कल उन्होंने कमिटमेंट करने से बचे और वहां से प्रेस कॉन्फ्रेंस नाम की रखी गई और जैसे ही वो फोटो हुई मैनिफेस्टो की, वो चले गए वहां से, उससे आप अंदाजा लगा लीजिए कि क्या होने जा रहा है वहां पे। वैसे भी जो सर्वे हो रहे हैं उसमें तेजस्वी नंबर 1 है वहां पर।

श्री राहुल गांधी जी एवं श्री तेजस्वी यादव की सभाओं को लेकर मेरा रिएक्शन :

सभाएं बहुत शानदार हो रही हैं और राहुल जी की जो यात्रा हुई थी उसको लोग अभी भी याद करते हैं और बहुत शानदार पूरा बिहार उमड़ पड़ा था वहां पर सब उमड़ गया था इतनी पब्लिक आई थी और जो राहुल जी ने थीम दी उसको लोगों ने स्वीकार भी किया, तो इसलिए चुनाव दिलचस्प चुनाव है वहां पर और महागठबंधन सरकार बनाए ये लोगों की इच्छा है और पूरा देश देख रहा है बिहार में क्या होगा क्योंकि पूरा देश चिंतित है जिस प्रकार के रवैए अपनाए हुए हैं हरियाणा के अंदर फिर महाराष्ट्र में सब पार्टियों का सफाया हो गया ऐसा कभी होता नहीं है, आजादी के बाद में पहली बार देखा कि महाराष्ट्र में जिस प्रकार चुनाव हुआ, आप तीन चार महीने पहले तो जीत रहे हो एकतरफा पार्लियामेंट में और असेंबली में जो है, जादू चलना चाहिए था मोदी जी का तो पार्लियामेंट में चलना चाहिए था क्योंकि उनको तो सरकार बनानी थी, वहां उनका कोई जादू चला नहीं फिर वहां नहीं चला तो फिर कैसे चल सकता है महाराष्ट्र के विधानसभा के अंदर, आप अंदाज लगा लीजिए किस प्रकार की तोडफ़ोड़ हुई होगी वहां पर, किस प्रकार से धन बल का प्रयोग हुआ होगा कोई कल्पना नहीं कर सकता, मैं तो वहां पर था, जो धन बल और जो पैसा डिस्ट्रीब्यूट हो रहे थे वहां सुनते थे हम लोग, कोई कल्पना नहीं कर सकता। डेमोक्रेसी कहां जा रही है, अगर यही धंधे रहे इस एनडीए के तो देश के सामने बहुत बड़े खतरे होंगे, डेमोक्रेसी बचेगी की नहीं बचेगी या नाम की डेमोक्रेसी रहेगी, डेमोक्रेसी नाम की रहेगी वो अलग बात है तो ये हालात हो गए हैं, चुनाव आयोग का रवैया देखिए आप, आजादी के बाद पहली बार देख रहा हूं कि जो उनका बोलने की भाषा है,पत्रों का जवाब हैं ये भी एक प्रकार से तानाशाही रवैए पूर्ण है वो इलेक्शन कमीशन का, उनकी ड्यूटी है कोई शिकायत करो शिकायत झूठी हो सच्ची हो क्या पता पहले ? आप की ड्यूटी है भई हम निष्पक्ष जांच करवा रहे हैं और कुछ नहीं कहना आपको ,उसके बजाय आप जवाब सवाल कर रहे हो, आप एफीडेविट मांग रहे हो,आप बुरा भला कह रहे हो, ये क्या हो रहा है ? ये चिंता का विषय होना चाहिए पूरे देशवासियों के लिए ये मेरा मानना है।

राजस्थान में प्राइवेट स्लीपर बस वालों की हड़ताल के विषय पर पूछे सवाल का जवाब :

एक तो इनको चाहिए कि उनको बुलाकर बात करें, बैठाकर समझाइश करें उनको, और उनकी बात समझें, यही होता है डेमोक्रेसी के अंदर तो, ये बसों की अगर प्रॉब्लम है बस मालिकों की उनकी अपनी प्रॉब्लम तो होती ही है हमारे वक्त में कई बार आई थी तो हमनें बैठ कर बातचीत करी हल निकाला और ऐसी स्ट्राइक करने की नौबत ही नहीं आई तो ये तो इनकी ड्यूटी है कि पर इनके यह सभी जिम्मेदारी निभाएगा कौन, प्रॉब्लम ये है कौन निभाए, अब मुख्यमंत्री सब काम नहीं कर सकते, भले आदमी हैं पंडित भजनलाल जी तो, तो फिर करे कौन इनके कामों को ? करे कौन ? तो इसलिए यह सब समस्या पैदा होती जा रही है, देखिए रेप होना, डकैती होना, हत्या होना ये तो आम बात हो गई है,मतलब समझ नहीं आता कि इतना बड़ा चांस मिला है मुख्यमंत्री जी को मुख्यमंत्री बनने का पहली बार एमएलए बने हो, पहली बार मुख्यमंत्री बन गए तो उनको तो पूरी ऑथोरिटी के साथ में राज करना चाहिए, कल की चिंता नहीं करनी चाहिए तब वो कामयाब होंगे, वो कल की चिंता करते हैं क्योंकि पंडित हैं, पंडित जी हमारे जो हैं, पंडित भजनलाल जी पंडित हैं तो कल की चिंता करते हैं, हम उनको कहते हैं आप कल की चिंता मत करो, जम के राज करो, ऑथोरिटी से राज करो तो राजस्थान का भला होगा, आप सुशासन दे पाओगे, गुड गवर्नेंस दे पाओगे तो जनता का भला होगा कि नही होगा, चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है, कोई हमारी सुनवाई नहीं हो रही है किस के पास जाएं हम लोग, शिकायत करने के लिए, मतलब लोग इतने दुखी कभी नहीं देखे राजस्थान में जितने दुखी पंडित भजनलाल जी के शासन में हो रहे हैं।

अंता में होने वाले उपचुनाव के संदर्भ में भाजपा की बयानबाजी पर :

अब वो और क्या कहेंगे, यही कहेंगे, ये नहीं कहेंगे कि प्रमोद जैन भाया जो है एकमात्र ऐसा विधायक है जो अपनी अलग ढंग की पहचान बनी गौ सेवा के अंदर, मनुष्यों की सेवा के अंदर, हमारी स्कीमें तो बाद में आई हैं ये चिरंजीवी योजना भी,फ्री मेडिसिन भी फ्री जांचें भी, ये प्रमोद जैन भाया वो व्यक्ति है जो कोई भी बारां के गरीब लोग आ गए सहारिया आदिवासी आ गए, कोई नागरिक आ गया हो जिले का या आस पास का तो वो और उनकी पत्नी जो हैं अस्पतालों के अंदर मरीजों का ख्याल भी रखती हैं मरीजों के साथ में आने वाले अटेंडेंट होते हैं उनका ख्याल भी रखती हैं , गौशालाओं का काम वो नंबर 1 कर रहे हैं हमनें उनको मंत्री बनाया इसलिए गौ पालन देखते हुए,सामूहिक शादियां दो- दो हजार जोड़ी एक साथ में शादी कभी सुना आपने ? वो कराते हैं गरीबों के लिए ,अभी हाल ही में खुद गया, पक्षियों का भी अस्पताल खोल दिया, पक्षियों का भी,चिड़िया हो तोते हो, कोई हो, उनका अस्पताल है और दूर दूर से लोग आते हैं वहां पे उनका इलाज होने, फर्स्ट क्लास डॉक्टर्स हैं मशीनें हैं, अस्पताल खोल दिया, ये बातें कोई नहीं कहेगा, तो इसलिए चुनाव में तो ऐसी बातें बोलना तो आप, इनके पास कहने को है नहीं कुछ भी, बीजेपी के पास कहने को कुछ नहीं है इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं पर वहां मैं उम्मीद करता हूं कि प्रमोद जैन भाया को चुनाव जिताना चाहिए पब्लिक को, मैं अपील भी करना चाहूंगा उन से कि आप कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया को कामयाब करें , वो कामयाब होगा तो और ज्यादा आपके क्षेत्र में विकास होगा और जो सामाजिक सरोकार रखते हैं वो और ज्यादा मजबूत होगा मेरा मानना है।

निकाय चुनाव में कैंडिडेट्स जिनके तीन या दो से अधिक बच्चे हैं उनको लेकर नियम में बदलाव की संभावना से जुड़े सवाल पर जवाब :

समय के साथ-साथ में अगर कोई सरकार फैसला करती है तो अभी तो मेरे पास इसकी कोई सूचना है नहीं, अगर सूचना मेरे को मिलेगी कि किस रूप में क्या कहना चाहते हैं तो हम लोग उसका जवाब देंगे आपको। पर समय के साथ में हो सकता है कि कई राज्यों में ऐसी स्थिति बनी है जो आप कह रहे हो, शायद और राज्यों में भी कुछ फैसले हुए हैं तो इसलिए मैं तुलना नहीं कर सकता पहले,देखते हैं कि उनकी मंशा क्या है पहले देखेंगे उसके बाद बोलेंगे आपसे।

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