पूर्व पीसीसी अध्यक्ष श्री नाथूराम मिर्धा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के पश्चात पीसीसी में मीडिया से बातचीत :
दिनांक
30/08/2025 |
स्थान
जयपुर
|
ये अपने आप में बहुत बड़ी हस्ती थी, बड़े किसान नेता थे, बहुत ही लोकप्रिय नेता थे राजस्थान के,किसानों के तो मसीहा थे ,ये विभिन्न पदों पर रहे,मेंबर ऑफ पार्लियामेंट भी रहे, असेंबली में लंबे समय तक रहे किसान आयोग के अध्यक्ष रहे और राजस्थानवासियों को गर्व है कि जब इंदिरा भी जब एक बार डिबैकल हो गया था पूरे देश के अंदर इमरजेंसी के बाद में तब एक सीट जीती उत्तर भारत के अंदर , एक सीट जीती वो सिर्फ नाथूराम मिर्धा की थी नागौर की सीट, एक सीट, ये हमारे लिए गर्व की बात है नाथूराम मिर्धा इतने पॉपुलर थे ,उत्तर भारत में कांग्रेस साफ हो गई दक्षिण में कांग्रेस जीत गई सब जगह उस वक्त में एक सीट जीतना बहुत बड़ी बात है जो जीती नाथूराम मिर्धा साहब ने जीती, वो तो समर्पित नेता थे , ऐसे दिन याद करते हैं तो नई पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलती है बड़े बड़े नेताओं का योगदान क्या था राजस्थान के अंदर, किसानों के लिए क्या संघर्ष किया आजादी के पहले बाद में और ये परंपरा अच्छी है पीसीसी के अंदर, असेंबली के अंदर, मुझे खुशी है कि मेरे वक्त में शुरू करी है दोनों जगहों पर और अब पार्लियामेंट में भी होती है तो कम से कम साल में एक बार दो बार उनको याद तो करें नेताओं को वरना नई पीढ़ी को भूल जाएंगे वो तो, अभी भूलने लग गई है महात्मा गांधी का क्या योगदान था, पंडित जवाहरलाल नेहरू का क्या था या आपका सरदार पटेल का क्या था मौलाना आजाद का क्या था, बड़े बड़े नेता थे, तो ये परंपराएं कायम रहनी चाहिएं मेरा मानना है।
पूरे देश में बेरोजगारी से ऐसा माहौल बन गया कि तमाम राज्यों एवं केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं सामने आती रहती हैं। आर्मी, ज्यूडिशियरी एवं मेडिकल की नीट परीक्षा तक के पेपर लीक हुए जिसके कारण देशभर में विवाद हुए। उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल समेत अनेक राज्यों में 50 से ज्यादा पेपर लीक की घटनाएं हुईं। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं रहा परन्तु जैसे सख्त कदम राजस्थान में उठाए गए वो देशभर में एक मिसाल बने।
देश में पेपर लीक के खिलाफ पहले 10 साल, फिर इसे बढ़ाकर उम्रकैद तक की सजा एवं 10 करोड़ रुपये जुर्माना, दोषियों की संपत्ति कुर्क जैसा कठोर कानून सबसे पहले राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार ने ही बनाया था। इस कानून के बाद ही केन्द्र सरकार ने कानून बनाया पर सजा का प्रावधान कम रखा।
2021 में कांग्रेस सरकार ने पूर्व IPS एवं RPSC चेयरमैन रहे श्री महेन्द्र कुमावत की अध्यक्षता में कमिटी बनाई जिसने परीक्षा प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए सुझाव दिए जिनके आधार पर परीक्षा प्रणाली में सुधार किए गए। हमारी सरकार के दौरान पेपर लीक, नकल आदि पर कार्रवाई के लिए SOG में एंटी चीटिंग सेल का गठन किया गया था जिसने ऐसे कृत्यों में लिप्त सैकड़ों लोगों को जेल में बन्द किया।
हमारी सरकार के दौरान जिस परीक्षा में गड़बड़ी सामने आई, उसके अपराधियों को गिरफ्तार किया गया एवं परीक्षा को रद्द किया गया। RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को भी कांग्रेस सरकार के दौरान पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया जिससे एक संदेश दिया जा सके कि आरोपी किसी भी स्तर का व्यक्ति हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
कांग्रेस सरकार के समय रीट परीक्षा लेवल 2 की परीक्षा में अनियमितताएं सामने आईं थी जिसे सरकार ने रद्द कर समयबद्ध तरीके से पुन: परीक्षा आयोजित करवाई तथा पदों की संख्या को 32,000 से बढ़ाकर 50,000 से अधिक युवाओं को नौकरी दी थी। तब एसओजी ने बताया था कि कुछ 70-80 लोगों तक पेपर पहुंचा पर हमने विश्वास बहाल रखने के लिए सख्त कदम उठाए।
सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर हाईकोर्ट के फैसले ने भाजपा के दोहरे चरित्र को जनता के सामने एक्सपोज कर दिया है। भाजपा जनता में तो सब-इंस्पेक्टर परीक्षा को लेकर अलग बातें करती है परन्तु अदालत में इस परीक्षा को रद्द न करने के लिए प्रयास करती रही।
बिहार में कांग्रेस दफ्तर पर हुए हमले के संबंध में पूछे प्रश्न के उत्तर में :
देखिए मेरा मानना है कि ये नई परंपरा शुरू हुई है जो बंद होनी चाहिए, डेमोक्रेसी के अंदर कोई पॉलिटिकल पार्टी का कार्यकर्ता किसी के ऑफिस पर जाए नहीं। ये कायदा गलत है, पहले नहीं था ये,ये जो है कायदा होता था जो आपको शिकायत है तो आप धरना दो कहीं पर, जुलूस निकाल दो,मौन जुलूस या नारेबाजी कर दो सड़कों पर, कलैक्टर के यहां जाकर आप ज्ञापन दे दो मुख्यमंत्री के नाम का या राष्ट्रपति के नाम का या राज्यपाल के नाम, ये तो कायदा था, अब ये नई परंपरा शुरू कर दी है कि एक दूसरे के ऑफिस जाकर धावा बोलना बिल्कुल बंद होना चाहिए, बहुत गलत परंपरा है नंबर एक। नंबर दो, कई बार एमएलए एमपी के वहां जाकर विरोध प्रकट करते हैं,घरों पर , वो गलत है, आप पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दीजिए, आप शिकायत लिख दीजिए एमएलए के बारे में मुख्यमंत्री को या जहां लिखना है पर आप जाके खुद सीधा भिड़ने की परम्परा लोकतंत्र में नहीं थी न होनी चाहिए, आजकल ये जो पैदा हुई है न बंद होनी चाहिए और वहां पर जब जाएंगे तो एक दूसरी पार्टी कोई पार्टी हो आपस में भिड़ेंगे वो तो, अहमदाबाद में क्या हुआ, यही तो हुआ अहमदाबाद में, राहुल गांधी जी को खुद को जाना पड़ा वहां पर तो ये परंपरा बहुत गलत परंपरा है।
SI भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के फैसले एवं इस पर चल रही राजनीतिक बयानबाजी के सवाल पर-
देखिए दोहरा चरित्र है मुख्यमंत्री जी खुद का और प्रदेश की सरकार का। कुछ फैसला ले नहीं पाए, हाईकोर्ट ने भी कहा की भई आप फैसला ले लीजिए, तो कुछ फैसला ले नहीं रहे थे।
अब जाके है हाईकोर्ट ने जब कहा है, सरकार ने तो एफिडेविट दिया था की नहीं परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए। आधे एसआई हैं, उनको खुश करने के लिए अब जब फैसला आ गया है तो स्वागत कर रहे हो, मुख्यमंत्री जी स्वागत कर रहे हैं।
इसकी तह में जाना चाहिए।
हमारे वक्त में भी एक परीक्षा जो थी रीट की थी सेकंड लेवल की वो उसमें पेपर आउट होने की शिकायत मिली थी SOG से हमें। 33 - 35,000 करीब पोस्ट्स थी। 70 लोगों के खिलाफ़ रिपोर्ट मिली, हमने इन्ट्रेस्ट के अंदर पब्लिक इन्ट्रेस्ट में पूरी भर्ती रद्द कर दी थी।
35,000 से बढ़ा के 50,000 पोस्ट कर दी, वापस से एग्जाम करवाए और 50,000 लोगों को नौकरी मिल गई।
ये जो बीमारी फैली है, ये आर्मी के अंदर भी है, पेपर लीक होने की जुडिशरी के अंदर भी है देश में राजस्थान में जुडिशरी का पेपर आउट हुआ, गुजरात में बहुत ज्यादा है, यूपी में है, बिहार में है, पंजाब में है कहाँ नहीं है?
अधिकांश राज्यों में पेपर लीक की गैंग बन गई, गैंग बन गई। वो ये काम करती है क्योंकि जो माहौल है, नौकरी मिलती नहीं है, बेरोजगारी है और सरकारी नौकरी सब चाहते है तो ये जो प्रॉब्लम है इसका बेसिक बात वो है।
हमारी गवर्नमेंट देश में वो गवर्नमेंट है जिसने जितने कड़े फैसले किए हिंदुस्तान में ना केंद्र ने लिए है ना राज्यों ने लिए हैं।
हमने 10,00,00,000 रुपए पेनल्टी, आजीवन कारावास, आजीवन कारावास, आजीवन कारावास सजा, संपत्ति कुर्क कराने की सजा की, हम लोगों ने कोई कमी रखी ही नहीं, हमने कानून पास करने के अंदर और तो और मिस्टर एम के कुमावत जो थे पहले आरपीएससी के चेयरमैन रहे हुए थे, वो होम मिनिस्ट्री में एडिशन सेक्रेटरी होम रहे हुए थे, डी जी पुलिस रहे हुए थे आंध्र प्रदेश के उनकी अध्यक्षता में कमेटी बनाई कि यह बीमारी ठीक कैसे हो?
उन्होंने रिपोर्ट भी प्रस्तुत करी है की जो ये पेपर लीक होते है ये कैसे समाप्त हो सकता है वो कमेटी हमने बनाई।
SOG में एंटी चीटिंग सेल मैंने बनाया एसओजी में एंटी चीटिंग सेल बना दिया, उसी कारण से ये सब काम हो रहा है वो सेल हमारा बना हुआ था तो हमारी ओर की कोई कमी नहीं रखी है। यह हमने प्रयास किया क्योंकि यह प्रॉब्लम बहुत बड़ी प्रॉब्लम है और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि इनके वक्त में भी थे मेंबर अपॉइंट हुए ,उनके नाम आ रहे हैं। क्योंकि वसुंधरा जी सरकार थी, बीजेपी थी तब भी अपॉइंटमेंट हुए थे। हमारे वक्त में अपॉइंटमेंट हुए ये दोनों पकड़े गए हैं। एक उनके वक़्त का पकड़ा गया वो भी तो अपॉइंटमेंट बीजेपी का हुआ था। उसमें इसलिए कोई राजनीति की बात नहीं है।
ये जड़मूल से खत्म कैसे हो?
ये पेपर लीकआउट नहीं हो सुनिश्चित कैसे करे पक्ष विपक्ष मिलके ही तो कर सकता है।
इसमें एक दूसरे को आरोप लगा रहे हैं।
कोई नेता झगड़ रहे हैं टीवी पर ही
क्या पूरे कंट्री में झगड़ा हुआ होगा दोनों नेताओं का तो क्या लोगो ने देखा होगा राजस्थान में क्या हो रहा है, एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हो उसमें तो।
“पत्रकार – उसमें तो किरोड़ी जी ने ये तक कह दिया की हनुमान बेनीवाल ने राज्यसभा चुनाव में उनसे पैसे लेकर गए।“
अब पता नहीं किसने क्या कह दिया पैसे पैसे लेने की बातें तो क्या नया इतिहास है राजस्थान के अन्दर सरकार बच गयी हमारी बहुत बड़ी बात है ये बोला छोड़ो आप पैसे लेने की तो अलग चर्चा कभी होगी?
अब किरोड़ी मीणा जी और हनुमान बेनीवाल दोनों दोस्त थे। दोनों दोस्त थे और हमारी सरकार को गिराने के अंदर ये शामिल थे लोग हमारी सरकार गिराने में हनुमान बेनीवाल भी था। और किरोड़ी जी भी थे। तो आप सोच सकते हो कि दोनों दोस्त थे, हेलिकॉप्टर को लेकर खूब घूमे राजस्थान के अंदर सरकार बनाने के लिए दोनों इनका इतिहास पुराना इतिहास है तो इसलिए इनके बारे में हम क्या बात कर रहे हैं?
भाजपा द्वारा SIT बनाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में :
ये वो क्या बोलते थे, एसओजी का काम है, एसओजी जाने हाईकोर्ट जाने, उनको पूछो आपने कहा भई परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए, हाईकोर्ट ने आपको पूछा आपने जवाब नहीं दिया और वो फैसला आ गया, फैसला आने के बाद तो कोई बोल सकता है,
अब तो वो सरकार सोच रही है जो सुन रहा हूं कि आगे अपील करें या नहीं करें, वो तो उनका काम है, हमारा काम तो है नहीं, सरकार उनकी है, वो जनहित में फैसला करेगी यही कह सकता हूं मैं तो।
पर नौकरियां हमारे वक्त में इतिहास बना दिया राजस्थान में इतनी नौकरियां लगी हैं
और ये बीमारी जो है जिसको मतलब कहना चाहिए कि इतनी कन्डेम करने वाली बीमारी है और मैंने कहा आपको कि पूरे देश में फैली हुई है इस पर रोक लगनी चाहिए न, कानून हमनें पास किया है जो किसी ने पास नहीं किया है।
पूर्व उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के पेंशन मांगने संबंधी प्रश्न के उत्तर में :
कल परसों आएंगे वो भी कभी न कभी आप उनसे ही ये बात कर लें ये बात मुझसे क्यों कर रहे हैं। धनखड़ साहब राजस्थान के ही हैं आना राजस्थान में ही उनको है, अब वो उनके ऊपर है वो कब आएंगे, हम तो इंतजार कर रहे हैं उनका स्वागत करने के लिए कि कब आएं वो, पूछें, बातचीत करें, और पता भी करें कि क्या हुआ आपने इस्तीफा क्यों दिया।
सर्वदलीय बैठक का कांग्रेस द्वारा बहिष्कार किए जाने को लेकर सवाल :
वो तो कारण बता दिया जूली जी ने आपको, कारण बता दिया जूली जी ने कि सरकार जिस प्रकार का व्यवहार कर रही है न, एकतरफा फैसला हो रहा है, स्पीकर साहब से भी और सरकार से भी, ये उचित नहीं है।
जब आप विपक्ष को विश्वास में लो ही नहीं और एक दिन मीटिंग बुलाकर ऑल पार्टी मीटिंग बुलाकर और फिर आप इन्वॉल्वमेंट सबका कर लो तो इसलिए फैसला जो किया सोच समझ के किया है प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी ने नेता प्रतिपक्ष ने मिलके फैसला किया है।
बिहार में भाजपा द्वारा किए गए विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर :
यात्रा का कोई संबंध नहीं है, कोई यात्रा निकाले बीजेपी कांग्रेस कोई भी, यात्रा आगे चली जाए और एक मनचला स्टेज पर जाके कोई बोल दे तो उससे क्या मतलब, कांग्रेस से क्या संबंध है इसका ?
बिना मतलब का इश्यू बना रहे हैं क्योंकि घबराए हुए हैं वो लोग, यात्रा में जो रिस्पॉन्स मिला है राहुल गांधी को एक्स्ट्राऑर्डिनरी मिला है तेजस्वी यादव जी और दोनों ने मिलके जो यात्रा निकाली है तो जो रिस्पॉन्स मिला है वो एक्स्ट्राऑर्डिनरी है,तो उससे घबराकर के इस प्रकार की बातें कर रहे हैं। कोई दम नहीं है, कांग्रेस ने उसको अस्वीकार किया है,हम ऐसे पसंद भी नहीं करते और ऐसे आरोपों ही हम निंदा करते हैं।