Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना


• यूपीए सरकार की जननी शिशु सुरक्षा योजना की शुरूआत 1 जून, 2011 को हरियाणा राज्य के मेवात जिले में यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के द्वारा की गई।



• राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में राजस्थान सरकार ने भी 12 सितम्बर, 2011 से केन्द्र सरकार की जननी सुरक्षा योजना को राजस्थान सरकार ने पूर्ण तैयारी के साथ ‘राजस्थान जननी-शिशु सुरक्षा योजना‘ के रूप में प्रारम्भ की गई है।

• जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव, सिजेरियन ऑपरेशन द्वारा प्रसव, दवाइयां व अन्य उपयोग में आने वाली सामग्री, लैब जाँच सुविधाएं, गर्म भोजन, रक्त सुविधा व परिवहन की सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है। यह सभी सेवाएं यूजर चार्जेज मुक्त होगी। इसके अतिरिक्त बीमार नवजात शिशुओं के लिये (30 दिवस तक) ईलाज, दवाइयां व अन्य उपयोग में आने वाली सामग्री, लैब जाँच सुविधा, रक्त सुविधा एवं परिवहन सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है। इससे संस्थागत प्रसव 71 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गया है।

• सभी प्रसूताओं एवं बीमार नवजात शिशुओं (शिशु को 30 दिवस तक) को सरकारी चिकित्सा संस्थाओं में सेवाऐं निःशुल्क उपलब्ध।

• योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रूपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपये की प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जा रहा है।

• योजना के अंतर्गत 12 सितम्बर, 2011 से अब तक 22.08 लाख महिलाओं एवं 4.25 लाख नवजात शिशुओं को लाभान्वित किया गया।

• मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना लागू कर दिनांक 1 अप्रैल, 2013 व उसके पश्चात संस्थागत प्रसव से बालिका का जन्म होने पर 2100 रूपये तथा 1 वर्ष की आयु एवं टीकाकरण पूर्ण होने पर 2100 रूपये अतिरिक्त देय होंगे। बालिका की 5 वर्ष आयु होने व स्कूल में प्रवेश लेने पर 3100 रूपये की अतिरिक्त राशि देय होगी।

• योजना प्रारम्भ होने से अब तक 94701 लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि के चेक वितरित किये जा चुके हैं।

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