Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

मोदी की झूठ आमजन को अब समझ में आ गई आम आदमी महंगाई की मार से पीड़ित, दाल, प्याज, टमाटर, सब कुछ महंगा केन्द्र का चेहरा लोकतंत्र का, कार्रवाईयां फासिस्टवादी - गहलोत

दिनांक
17/12/2015
स्थान
जयपुर



जयपुर, 17 दिसम्बर। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश की जनता को अब धीरे-धीरे समझ में आ गया है कि नरेन्द्र मोदी ने चुनाव जीतने के लिए देश से झूठे वादे किये थे। महंगाई को लेकर जोर-शोर से जनता को गुमराह किया था। आज गरीब महंगाई की मार से पीड़ित है, न उसे दाल मिल रही है, न प्याज और न टमाटर। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के भाव कहां से कहां आ गये मगर जनता को कोई राहत नहीं, उलटा एक्साईज ड्यूटी बढ़ाकर आम जन की कमर तोड़ रहे हैं।

श्री गहलोत ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि रही सही कसर राज्य सरकारें पूरी कर रही हैं। हमने एलपीजी में 25 रुपये की राहत दी थी, पेट्रोल डीजल पर टैक्स कम किया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने वापस टैक्स बढ़ा दिया। कमोबेश यही हालत पूरे मुल्क में है। उन्होंने कहा कि आप रिसर्जेंट राजस्थान जैसा तमाशा भले ही कर लो, या दो साल की खुशियां मना लो, ये तमाम बुलबुले हैं जो आने वाले समय में समाप्त हो जायेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ललित मोदी को तो आरसीए पर काबिज होना ही था क्योंकि श्रीमती वसुंधरा राजे को मॉरीशस रूट से 21 करोड़ रुपये की मनी लॉन्डरिंग का भय सता रहा है। उन्होंने श्रीमती वसुंधरा द्वारा मुल्क के लोगों से छिपाकर ब्रिटिश सरकार को दिये गये एफेडेविट को लेकर कहा कि हार्दिक पटेल तो नौजवान है, आप उस पर देशद्रोह का केस लगाकर जेल में बंद कर सकते हो, मगर असल में तो श्रीमती वसुंधरा राजे ने देशद्रोह का काम किया है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और न ही इस्तीफा मांगा जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र द्वारा आज जगह-जगह कांग्रेस नेताओं को तंग किया जा रहा है, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के घर बेटी की शादी के समय सीबीआई छापा डालती है तो पी.चिदम्बरम् के लड़के के यहां छापे डाले जा रहे हैं। दिल्ली के सीएमओ के अंदर एक अधिकारी के नाम पर सीबीआई छापे डाल रही है। ये परम्पराएं पूरे मुल्क के लिए बहुत खतरनाक हैं। मोदी जी की शह के बिना यह सब संभव नहीं है इसके कारण पूरे मुल्क में आम लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई, चाहे वो उद्योगपति हों, व्यापारी हों, राजनीतिज्ञ हों, कार्यकर्ता हों, चाहे आम आदमी ही क्यों ना हो।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का चाहे ललित गेट कांड हो या इंग्लैण्ड की सरकार को एफेडेविट देने का मामला हो, प्रधानमंत्री ने दोनों मामलों में एक शब्द भी नहीं कहा है, इस्तीफा मांगना तो दूर की बात है। इनका लोकतंत्र में यकीन नहीं है। चेहरे तो लोकतंत्र के बना रखे हैं और कार्रवाईयां फासिस्टवादी तरीके से की जा रही हैं।

नेशनल हेराल्ड के संबंध में

श्री गहलोत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस मामले में नीयत ठीक नहीं है। वो कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। नेशनल हेराल्ड का मामला ईडी में बंद हो चुका था लेकिन पीएमओ के इशारे पर अधिकारी को बदलकर वापस केस किया जा रहा है, उससे इनकी मंशा साफ झलकती है। उन्होंने कहा कि जब आजादी की जंग लड़ी जा रही थी तब 1938 में नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन शुरू किया गया था ताकि अंग्रेजी के माध्यम से अंग्रेजों तक मुल्क की भावनाएं पहुंचाई जा सकें। कांग्रेस ने पं. जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भावना के अनुरूप इस अखबार को चलाया मगर कांग्रेस ने कभी भी आउट ऑफ वे जाकर कोई मदद नहीं पहुंचाई।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे 60 साल के दरमियान यह अखबार कमजोर पड़ गया और इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा। देनदारियां काफी बढ़ गई, इसका प्रकाशन पुनः शुरू करने के लिए राहुल गांधी या सोनिया जी या मोतीलाल वोरा अगर प्रयास करते हैं तो उसमें दिक्कत क्या है। 1938 में जब इस अखबार मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन बना था तब साफ अंकित किया गया था कि कांग्रेस की विचारधारा के आधार पर कोई अखबार या मैगजीन चलेगी। कांग्रेस की नीतियां और उसके सिद्धान्तों के अनुरूप ही उसका प्रकाशन होगा। श्री गहलोत ने कहा कि कम्पनी लॉ’ज के नियम 25 के तहत यंग इंडियन कम्पनी का गठन किया गया है उसमें कोई भी डायरेक्टर एक रुपये का भी लाभ नहीं ले सकता। जब कोई लाभ ही नहीं ले सकता तो फिर किस प्रकार का अपराध हुआ।

श्री गहलोत ने कहा कि चूंकि मामला सब ज्यूडिश है, इसलिए ज्युडिशरी अपना काम करे और कांग्रेस अपना काम करेगी।
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