Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली का शुभारम्भ गुड गवर्नेन्स के लिए सभी विभाग अपनाएं पेपरलैस सिस्टम - मुख्यमंत्री

दिनांक
27/10/2020
स्थान
जयपुर


जयपुर, 27 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि समय, धन एवं संसाधनों की बचत के लिए आईटी आधारित एवं पेपरलैस गवर्नेन्स आज के समय की जरूरत है। सभी विभाग नवाचार करते हुए पेपरलैस सिस्टम की दिशा में आगे बढ़ें। इससे न केवल संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन का संकल्प साकार होगा, बल्कि आमजन को भी बेहतर सर्विस डिलीवरी हो सकेगी।

श्री गहलोत मंगलवार को वीडियो कॉन्फे्रंस से वित्त विभाग द्वारा एनआईसी के सहयोग से तैयार की गई ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने पेंशन एवं लेखा प्रणाली के सरलीकरण के लिए तैयार किए गए ई-पेंशन तथा ई-लेखा सिस्टम की सराहना करते हुए कहा कि इससे सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को जटिलता भरी औपचारिकताओं से निजात मिलेगी और पेंशन स्वीकृति के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे समय की बचत होगी तथा 30 से 35 साल तक सेवा कर रिटायर होने वाले कार्मिकों को मानसिक शांति मिलेगी। साथ ही, कार्मिकों के वेतन, मेडिकल, यात्रा आदि बिलों, संवेदकों के भुगतान सहित अन्य लेखा कार्याें में सुगमता होगी।

श्री गहलोत ने कहा कि वित्तीय अनुशासन, विकास परियोजनाओं की मॉनिटरिंग, सरकारी काम-काज में मितव्ययता, कुशलता एवं समय की दृष्टि से आईटी का महत्वपूर्ण योगदान है। इसे देखते हुए आईटी विभाग अपने तकनीकी रूप से दक्ष कार्मिकों की एक ऎसी टीम तैयार करे, जो सरकार की तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप सॉफ्टवेयर एवं प्रोग्राम बना सके। इसके लिए हमें किसी बाहरी कम्पनी पर निर्भर नहीं रहना पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती के बावजूद राज्य सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन करते हुए विकास परियोजनाओं को गति दी है। उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा कि वित्तीय प्रबंधन को लगातार मजबूत बनाया जाए। ऎसे प्रयास किए जाएं जिससे ऑवरड्राफ्ट की स्थिति पैदा ना हो। राजस्व लगातार बढ़े और लीकेज न हो।

मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि ई-पेंशन एवं ई-लेखा सिस्टम पेपरलैस गवर्नेन्स की दिशा में बड़ा कदम है। इससे कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही सरकारी भुगतान सिस्टम में सुधार होगा। ई-पेंशन से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को अपनी पेंशन स्वीकृति के लिए 40 पृष्ठों का जटिल प्रपत्र नहीं भरना होगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में राज्य सरकार के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि ई-कुबेर, पे-मैनेजर, ई-ग्रास, राजकोष आदि सॉफ्टवेयर के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन को और सशक्त बनाया गया है। ई-पेंशन प्रणाली से हर वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले 25 हजार से अधिक कार्मिकों को अपना पेंशन आवेदन पत्र भरने में 15 मिनट से भी कम समय लगेगा।
शासन सचिव वित्त (बजट) श्री टी रविकान्त ने बताया कि इन दो नई प्रणालियों से राज्य सरकार को 80 करोड़ रूपये की स्टेशनरी, कार्मिकों के टीए-डीए भत्ते एवं प्रिन्टिंग लागत की बचत होगी। ई-लेखा के प्रारम्भ होने से बिलों एवं दस्तावेजों को भौतिक रूप से ट्रेजरी एवं महालेखाकार कार्यालय भेजे जाने की जरूरत नहीं होगी।

इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री दिनेश कुमार, शासन सचिव कार्मिक श्री हेमन्त गेरा, शासन सचिव वित्त (राजस्व) डॉ. पृथ्वीराज, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी श्री वीरेन्द्र सिंह, विशिष्ट सचिव वित्त (व्यय) श्री सुधीर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कोषालय अधिकारी एवं क्षेत्रीय पेंशन अधिकारी भी वीसी के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।

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