Shri Ashok Gehlot
Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura
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सूखाग्रस्त जिलों में कृषि आदान-अनुदान का वितरण शीघ्र करें -मुख्यमंत्री
दिनांक
19/01/2019
स्थान
जयपुर
जयपुर, 19 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि खरीफ संवत् 2075 में 9 जिलों के प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान शीघ्र वितरित किया जाए। इसके लिए राज्य सरकार ने 1325 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया है।
श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 20वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 9 जिलों की 58 तहसीलों के 5 हजार 555 गांवों के 16 लाख 94 हजार किसान प्रभावित हैं। इन किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे ही कृषि आदान-अनुदान जमा कराया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य की प्रतिकूल स्थितियों को देखते हुए राहत गतिविधियों के संचालन की अवधि 6 माह से बढ़ाकर 9 माह किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि केंद्र से मिलने वाली सहायता के लिए संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को पत्र लिखें ताकि समय पर सहायता उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित सभी 9 जिलों के कलेक्टर्स को एडवाइजरी जारी कर निर्देश दें कि वे आवश्यकतानुसार चारा, पानी एवं पशु शिविरों के संबंध में अपने-अपने जिले के प्रस्ताव बनाकर भेजें। इन प्रस्तावों पर आपदा प्रबंधन से जुडे़ सभी विभाग शीघ्र कार्यवाही करें। उन्होंने चारा प्रबंधन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि पशुपालकों को समय पर चारा उपलब्ध हो। इसके लिए चारा खरीद की पुख्ता व्यवस्थाएं की जाएं।
श्री गहलोत ने गौशाला अनुदान के संबंध में त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि सूखाग्रस्त घोषित इन तहसीलों में स्थित गौशालाओं को जरूरत पड़ने पर पशु शिविर घोषित किए जाने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर्स को अधिकृत किया गया है।
बैठक में बताया गया कि सूखाग्रस्त 9 जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़, नागौर, चूरू एवं पाली के प्रभावित किसानों में से करीब 8.50 लाख लघु एवं सीमान्त किसान हैं जिनकी फसलों का 33 से 100 प्रतिशत खराबा हुआ है। करीब 8 लाख बड़े किसान हैं, जिनका 50 से 100 प्रतिशत तक फसल खराबा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सूखाग्रस्त चारा, पानी और पशु सेवा शिविरों की व्यवस्था प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जाए। किसी भी जिले में चारा, पानी और पशु शिविरों के इंतजाम में किसी तरह की कमी नहीं रहे।
अधिकारियों ने बताया कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को सहायता राशि सीधे उनके खाते में मिल सके, इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का प्रभावी तंत्र विकसित कर रहा है। इसके माध्यम से प्रभावितों को राशि सीधे उनके खाते में मिलने के साथ ही एसएमएस से उन्हें इसकी जानकारी भी मिलेगी। इसके अलावा आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया हेतु सचिवालय परिसर स्थित लाइब्रेरी भवन में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर की स्थापना भी की जाएगी।
बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री आशुतोष एटी पेडणेकर ने विभिन्न बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी।
इस अवसर पर स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल, आपदा प्रबन्धन मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल, ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री बी.डी. कल्ला, कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया, मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि श्री पी.के. गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य सहित विभिन्न विभागाें के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव उपस्थित थे।
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