Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media in Jaisalmer 12 August:

दिनांक
12/08/2020
स्थान
Jaisalmer


सवाल- सर इस पूरे प्रकरण को कैसे देखें इसको, शाह की मात के तौर पर या लोटस को फेल करने के तौर पर?
जवाब- फॉरेगेट एंड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो, देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में। डेमोक्रेसी खतरे में है। ये लड़ाई डेमोक्रेसी को बचाने की है, उसमें जो हमारे विधायकों ने इतना साथ दिया, 100 से अधिक विधायक एकसाथ रहना इतने लंबे समय तक, अपने आप में बहुत बड़ी बात है जो हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा। तो ये डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई है, आगे भी जारी रहेगी ये हमारी लड़ाई और बाकि जो एपिसोड हुआ है, एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके सरकार बनाई थी हमारी। हमारी सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उस विश्वास को बनाए रखें हम लोग और प्रदेश की सेवा करें, सुशासन दें और कोरोना का मुकाबला करें सब मिलकर। ये जीत जो है, ये जीत असली प्रदेशवासियों की जीत है। पूरे प्रदेशवासियों ने जो हमारे MLAs ने जो हौसला अफ़ज़ाई की टेलीफोन कर- करके, कोई चिंता नहीं, महीना-दो महीना लग जाए परवाह मत करो, जीत सरकार की होनी चाहिए, सरकार स्टेबल होनी चाहिए, उसके बाद में आप आओ हमारे घरों में। तो ये जो जज़्बा था पूरे प्रदेशवासियों का, उसकी जीत है ये। मैं उनको बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं प्रदेशवासियों को और विश्वास दिलाता हूं कि जीत हमारी सुनिश्चित है, आने वाले वक्त में और दोगुने जोश से सब काम करेंगे, आपकी सेवा करेंगे।

सवाल- सर आप जनता से कहते रहे 'मैं थासूं दूर कोनी', अब विधायकों को ये कहना पड़ा, अपने विधायकों?
जवाब- 'मैं थासूं दूर कोनी' मैंने पहले भी कहा था, अब भी कह रहा हूं और विधायकों के आपस के अंदर संबंध अच्छे बने हैं। एक महीना साथ रहते हैं, तो आप समझ सकते हो कि कितने अंतरंग संबंध बने होंगे। सबने मिलकर एकजुट होकर संकल्प किया है कि हमें जाकर प्रदेशवासियों की सेवा करनी है, जो हमारा परम धर्म बनता है।

सवाल- कई विधायक नाराज हैं?
विधायकों की नाराजगी को हमने दूर करने का प्रयास किया है। उनकी नाराजगी होना स्वाभाविक है, जिस रूप में ये एपिसोड हुआ, उनको एक महीना रहना पड़ा, उससे नाराजगी होना स्वाभाविक था। उनको मैंने समझाया है कि देश और प्रदेश और प्रदेशवासियों के और लोकतंत्र को बचाने के लिए कई बार हमें कई बार सहन करना भी पड़ता है। हम सब आपस में मिलकर काम करेंगे । जो हमारे साथी चले गए थे वो भी वापस आ गए हैं। मुझे उम्मीद है कि सब गिले-शिकवे दूर करके सब मिलकर हम प्रदेश की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे।

सवाल- सर आपका पत्र बहुत चर्चा में रहा, जो पत्र विधायकों को लिखा आपने?
जवाब- पत्र पक्ष को विपक्ष को सबको लिखा था और मैं ये दावे के साथ कह सकता हूं कि उस पत्र का बड़ा इम्पैक्ट पड़ा। उसी कारण से बीजेपी के जो तीन-तीन प्लेन हायर किए उन्होंने एयरक्राफ्ट, गुजरात भेजने के लिए, मुश्किल से एक जा पाया, वो भी पूरा नहीं भरा हुआ था और उनका कल से कैंप लगना था क्राउन प्लाजा होटल के अंदर, मीटिंग थी, वहीं रहना था, बाड़ेबंदी हो रही थी, जो कहते थे हमें 'बाड़ेबंदी क्यों कर रहे हो?' ये क्या नौबत आ गई कि उनकी बाड़ेबंदी होने लग गई? उससे जो हालात बने हैं प्रदेश के सामने, पूरी तरह वो एक्सपोज़ हो गए। पूरा खेल उनका था, सरकार को टॉपल करने का षड्यंत्र था, जो उन्होंने कर्नाटक में भी, मध्यप्रदेश के अंदर भी जो कुछ भी किया, दुनिया जानती है और लोग पसंद भी नहीं करते हैं, वो ही षड्यंत्र राजस्थान का था जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।

सवाल- भाजपा जो आरोप लगा रही है, अशोक गहलोत इस पूरे प्रकरण पर क्या कहना चाहेंगे एक लाइन में, किसी की जीत, किसी की हार या क्या?
जवाब- डेमोक्रेसी का हमारा जो, किसी की हार-जीत की बात नहीं होती है। उद्देश्य क्या है, सिद्धांत क्या हैं, नीतियां क्या हैं, कार्यक्रम क्या हैं हम लोगों के, उसपर हम लोग सोचते हैं, तो वो कांग्रेस के पक्ष में है। कांग्रेस का जो शानदार महात्मा गांधी के जमाने का इतिहास है, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, अंबेडकर साहब ने बनाया संविधान। 70 साल के बाद में भी हमारे यहां लोकतंत्र कायम रहा है और अब भी मैं कहना चाहूंगा, इस देश के अंदर लोकतंत्र आने वाली सदियों तक कायम रहे, ये हमारा सपना रहेगा जिंदगी का। उसको बचाने के लिए हम सब एकजुट रहेंगे और आप देखेंगे कि पूरा प्रदेश-पूरा देश एकजुट रहेगा। किसी कीमत पर जो मंसूबे हैं भारतीय जनता पार्टी के लोकतंत्र खत्म करने का, वो कभी पूरा नहीं होने देंगे। ये राहुल गांधी जी की भी सोच है, सोनिया गांधी जी की भी सोच है, हम सबकी सोच है, उसपर उनके नेतृत्व में चलेंगे और डेमोक्रेसी को बचाने के लिए कितना ही बड़ा संघर्ष करना पड़े, हम चूकेंगे नहीं और सत्य की जीत होती है, सत्यमेव जयते, सत्यमेव जयते, सत्यमेव जयते।

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