Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Press Conference at Residence

दिनांक
09/11/2019
स्थान
जयपुर


जिस तरीके से विड्रॉ की गई एसपीजी जिसको हम कंडेम करते हैं। यह सरकार जो है सीबीआई के ऊपर छापे डालती है जो प्रीमीयर एजेंसी है कंट्री की तो जो लोकल पुलिस और सीआईएसएफ है उसके माध्यम से छापे डलवाती है रात को 2:00 बजे सीबीआई डायरेक्टर के ऊपर, बाकी आईटी और ईडी के छापे तो आप देख ही रहे हो क्या क्या हो रहा है देश के अंदर और अब एसपीजी विड्रॉ की गई जो कि एक एक्ट के अंतर्गत दी गई थी। हमेशा कायदा होता है जब ऐसा कोई बदलना भी होता है तो पांच-सात दिन दिए जाते हैं, नई नफरी जाती है, एसपीजी वाले उसको ब्रीफ करते हैं तीन चार पांच दिन तक कि इस सिस्टम में हमने यह कर रखा है तब वह अपने अनुभव प्राप्त करके अपना काम शुरू करते हैं। ऐसी क्या जरूरत पड़ गई सरकार को कि आप शाम को ही अचानक घर भेज दो विड्रॉ करने के लिए तो यह दर्शाता है कि यह वेंडेटा, द्वेष भाव और जो डिस्टरबेंस है माइंड के अंदर, सरकार के माइंड के अंदर डिस्टरबेंस बहुत ज्यादा हो गए हैं क्योंकि एक तो इनको यह उम्मीद नहीं थी हाई पिच पर ले गए है चुनाव, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव बहुत हाई पिच पर ले गए थे ऐसा माहौल बना दिया गया था कि एकतरफा बीजेपी जीत रही है दोनों मुख्यमंत्री रिपीट हो रहे हैं और कोई हमें हरा नहीं सकता, हाई पिच पर ले गए, कैम्पेन किया मोदी जी ने और अमित शाह जी ने भयंकर कैंपेन किया उनको मालूम था कि कुछ भी हो सकता है और नतीजे आए वह आपके सामने हैं, जनता ने जो इनको संदेश दिया उससे यह और डिस्टर्ब हो गए इसलिए फैसले ऐसे-ऐसे करते हैं इस तरीके से जिससे कि उन फैसलों की आलोचना होती है चाहे वह सीबीआई वाला हो या एसपीजी वाला। अभी एसपीजी ने थोड़े दिन पहले ही कहा था दो 4 महीने पहले ही कि इनको खतरे हैं, 6 अगस्त को, 6 नवंबर को, 18 को, 6 जून 19 को और 29 अगस्त 19 को प्रेप्सेसन कि जो खालिस्तान उग्रवाद से, नक्सलवाद से छत्तीसगढ़ से वायनाड तक एक्टिव है, अलकायदा जैसे उग्रवादी संगठनों से खतरा है। तो यह जो है जब खतरे की रिपोर्ट आ रही थी उसके बीच में अचानक ही यह फैसला किया वह समझ के परे है और क्यों किया? देश की जनता को जवाब दे जिस फैमिली के दो प्राइम मिनिस्टर रहे हुए एक तो सिटिंग और एक एक्स उनकी हत्या हो गई हो उग्रवाद के नाम पर इसलिए एसपीजी बनी उस फैमिली के कवर को हटाने का तुक क्या था? इसका जवाब देना चाहिए मोदी जी को खुद को। जस्टिस वर्मा का कमीशन बना था राजीव गांधी जी की हत्या के बाद में उसने स्पष्ट कहा कि अगर एसपीजी नहीं हटती कोई तरीका निकाल लेते प्रोटेक्शन पूरा देते तो राजीव गांधी की जान बच सकती थी, जब आपको अनुभव है देश के अंदर प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी की हत्या किस रूप में हुई, आपको अनुभव है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद में कमीशन ने क्या रिपोर्ट दी यह तो सरकार के पास रहती है उसके बावजूद भी इस प्रकार की हरकत करना, यह हरकत है यह कोई फैसला नहीं है, यह सोची समझी साजिश के अंतर्गत हरकत है और यह एनडीए गवर्नमेंट इस देश के अंदर नई नई परंपराएं डाल रही है वह समझ के परे है। एक सुप्रीम कोर्ट जज ने भी कहा था आईबी को राजीव गांधी की हत्या की पूरी जानकारी थी आप समझ सकते हैं यह स्थिति है तब भी उन्होंने यह काम किया। तो यह जो फैसला हुआ कल वाला मैंने पत्र लिखे 2014 -15 के अंदर राजनाथ सिंह जी को गृह मंत्री थे उस वक्त मैंने कहा था कि मेरा अनुभव कहता है कि आजकल जो सरकार बदलने के बाद में एसपीजी का जो तरीका है काम करने का उसमें ढीलापन आ गया है क्योंकि उनको स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिल पा रहा है और मैंने एग्जांपल भी दिए थे चाहे राजस्थान में सोनिया गांधी आई हो, चाहे और जगह दौरे हो रहे हो, दिल्ली में हम जाते हैं कभी 10 जनपथ तो लगता है कि बदलाव आ गया है तो मैंने उनको वार्न किया आप एसपीजी को वापस स्ट्रेन्थ दे कि वापस कोई ऐसी घटना नहीं हो और वह अपना कर्तव्य पूरा ढंग से कर सके मैंने उनको पत्र लिखा है। तो क्या कारण है कि राजनाथ सिंह जी हटते ही अमित शाह जी आए और उन्होंने यह फैसला करवा दिया, राजनाथ सिंह के वक्त में 5 साल तक फैसला क्यों नहीं हुआ? खतरे जो उस वक्त में थे वह आज भी है, एसपीजी खुद मान रही है तब क्या कारण है उसके बावजूद भी इस प्रकार की हरकत की गई?

सवाल: सर एक खबर आई थी महीने भर पहले की गांधी परिवार अगर विदेश में जाएंगे तो वहां पर भी s.p.g. उन्हें मिलेगी चाहे राहुल जी जाए या सोनिया जी जाए ......
जवाब: आपको गलत जानकारी है पहले से दी हुई है, पहले से ही दी हुई है ले जाते भी है जहां तक मुझे जानकारी है सरकार ने यह बात फैलाई पब्लिक के अंदर यह एसपीजी के व्यक्ति को जो होता है प्रोटेक्ट करने वाला उसको यह प्रथम पॉइंट पर ले जाकर वापस छोड़ देते हैं। तो मैं यह कहना चाहूंगा कि मान लीजिए आप नही घूमे दिल्ली के अंदर जो आंकड़े बता रहे हैं कि कभी यह नहीं घूमते हैं, कभी साथ ले जाते नहीं है विदेश में तो यह तो लुक आउट उसकी है जिसको खतरा है आपकी तो नहीं हो सकती, आप बताइए कि आप सरकार हैं आप अपनी जिम्मेदारी निभाओ और आप उनको वार्न कर सकते हो एसपीजी का जिनको प्रोटेक्शन मिला हुआ है आप लिख कर दे सकते हो, वर्बली कह सकते हो कि जिस प्रकार आपका एप्रोच है उससे थोड़ा हमारे पास खबरें आती है वह ठीक नहीं आ रही है और भी अच्छी बात है, उसकी बजाय आप जो है एसपीजी विड्रॉ कर दो यह कहां की समझदारी है? दो मौतें किसे कहते हैं पूरी दुनिया के अंदर कहीं हुआ है ऐसा, जिसको आतंकवाद से लड़ते हुए इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई खालिस्तान नहीं बनने दिया उन्होंने कम बात थी क्या, राजीव गांधी पूरे उपमहाद्वीप में शांति चाहते थे आपको मालूम है खतरा पैदा हो गया उनको आतंकवादियों से वह भी शिकार हो गए। जिस फैमेली ने दो दो प्रधानमंत्री खोये हैं देश के लिए क्या सरकार का व्यवहार उस फैमिली के प्रति होना उचित है, क्या उससे प्रधानमंत्री की शोभा बढ़ेगी मान सम्मान बढ़ेगा दुनिया के अंदर? एसपीजी कवर हटना पूरी दुनिया की खबर है तो क्या प्रधानमंत्री जी का कद बढ़ेगा वहां पर? हो सकता है इतना ज्यादा बढ़ गया हो कोई जरूरत भी नहीं हो यह भी हो सकता है।
तो इसलिए मैं यह कहना चाहूंगा, अब देखिए आप महाराष्ट्र के अंदर राजस्थान में एमएलए आ गए कांग्रेस के, शिवसेना के एमएलए जो उनके पाटनर है, एलाइंस है उनको क्या जरूरत पड़ी कि वह होटल में शिफ्ट हो रहे हैं इनकी खुद की एलाइंस पार्टी है उसकी वह स्थिति है। मैंने कल ही कहा मीडिया वालों को मणिपुर के अंदर और गोवा के अंदर बहुमत कांग्रेस का और सरकार बनी बीजेपी की, कर्नाटक में क्या हुआ सबको मालूम है तो यह जब आप फासिस्ट तरीके से काम करोगे, सरकार बनाओगे तो आप कभी-कभी विजय हो जाओगे अलग बात है राष्ट्रवाद के नाम पर, अब जनता समझ गई है जो वोटिंग परसेंटेज आया सामने महाराष्ट्र और हरियाणा के अंदर उसके बाद में लोग समझ गए हैं खाली आपके राष्ट्रवाद के नाम पर, धारा 370 हटाने के नाम पर, सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लेते हो आप चुनाव कल है और 1 दिन पहले और सर्जिकल स्ट्राइक हो गई चर्चा तो होनी चाहिए कि नहीं तो लोग समझ गए हैं कि यह चुनाव जीतने के हथकंडे के रूप में राष्ट्रवाद को भी, धारा 370 को भी, सर्जिकल स्ट्राइक को भुनाना चाहते हैं अब जनता इनके झांसे में नहीं आने वाली है, अब इनकी उलटी गिनती शुरू होने का वक्त आ गया है।

सवाल: सर अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया सौहार्द की अपील है आमजन से ....
जवाब: यह तो बहुत जरूरी है मैंने कल भी की थी, आज जो फैसला आया है मैंने पहले ही आपको कहा था और मैंने सब से आग्रह किया था पब्लिक से भी फैसला आता है तब उसका विश्लेषण भी होता है उसमें कई बातें और कॉमेंट लिखे जाते हैं उसके बाद में असली फैसला आता है कि भाई यह कहा सुप्रीम कोर्ट ने उसका इंतजार थोड़ा करना चाहिए उसके बाद में रिएक्शन देना चाहिए, तो रिएक्शन तो बाद में देंगे हम आपको हमारे दिल्ली में अभी मीटिंग चल रही है कांग्रेस के नेताओं की तो जो फैसला सब मिलकर के करेंगे वही व्यू पूरे कंट्री में कांग्रेस का होगा ऑफिशियल व्यू। मैं अपील करना चाहूंगा फिर पब्लिक से इस फैसले के बाद में सब लोग शांति बनाए रखें, हालांकि हमने एसपी कलेक्टर से बातचीत करी है, वीडियो कॉन्फ्रेसिंग करी है मैंने खुद ने और तमाम तरीके की व्यवस्था की हुई है, आज एतिहात के तौर पर हमने स्कूल और कॉलेज की छुट्टी भी कर दी है और हम चाहेंगे कि राजस्थान ऐसा प्रदेश उभर कर के सामने आएं जहां शांति, सद्भाव और भाईचारा कायम रहे।

सवाल: आपने एक बात कही कि राजनाथ सिंह जी ने सिक्योरिटी नहीं हटाई जब अमित शाह आए तब सिक्योरिटी हटाई गई है क्या इसको व्यक्तिगत द्वेष माने या नहीं?
जवाब: लगता मुझे यही है, दोनों की फितरत अलग अलग है ना पूरा देश देख रहा है।

सवाल: मुख्यमंत्री जी प्रधानमंत्री कहते थे कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे और अब अमित शाह क्या एसपीजी हटा करके गांधी नेहरू फैमेली मुक्त देश बनाना चाहते हैं....
जवाब: यह इन्होंने प्रयास काफी सालों से कर रखा है उसमें यह कामयाब नहीं हुए हैं तभी तो यह हटाया एसपीजी, फैमिली के बारे में जो बोलना था, जिनको इतिहास का ज्ञान नहीं आनंद भवन दे दिया था देश को मोतीलाल नेहरू उस जमाने के बहुत अमीर व्यक्तित्व थे माने हुए वकील भी थे उन्होंने सब कुछ छोड़ कर के फ्रीडम मूवमेंट में भाग लेना चालू कर दिया, अपने बेटे पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी लेकर आ गए, 10-12 साल तक जेल में बंद रहे किसे कहते हैं सब क्या कुछ किया इन्होंने त्याग देश के लिए और प्रधानमंत्री बने देश के उस फैमिली के बारे में पंडित नेहरू पर क्या-क्या नहीं बोलते हैं यह लोग, एक सीमा होती है लक्ष्मण रेखा पार कर चुके हैं यह लोग, सोशल मीडिया पर कॉमेंट यही दिलवाते हैं यह सोशल मीडिया में आते हैं मैं उनको दोष नहीं दूंगा मैं तो उनकी टीमों को दोष दूंगा जो टीमें बना रखी है वह लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं बीजेपी वाले और वह बिठाकर के हजारों की तादात में लोगों को जिस रूप में हमले करवाते हैं यह आप सोच सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है। क्या लोकतंत्र कायम रह पाएगा क्या लोगों को छूट है बोलने की, जो लीचिंग को लेकर के लेटर लिख दिया उन सबको खिलाफ मुकदमे दर्ज हो गए देशद्रोही का यह हालात है। क्या कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे इनके महाराष्ट्र और हरियाणा में जो परिणाम आए ना उससे यह कहना भूल जाएंगे कि कांग्रेस मुक्त भारत बनेगा।

सवाल: सर कल राष्ट्रीय प्रवक्ता है बीजेपी के उन्होंने ट्वीट किया था राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने चुनावी सभाओं में जो घेरा था एसपीजी का उसको तोड़ा उसको ध्यान में रख कर के यह सुरक्षा हटाई है....
जवाब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उससे दुगुनी बार तोड़ चुके हैं जो आप और हम सब देखते हैं, मोदी जी तो हमेशा तोड़ते हैं जो सुरक्षा एसपीजी के रूल्स है उसको कभी प्रधानमंत्री जी फॉलो नहीं करते और हमें देश के प्रधानमंत्री की चिंता भी करनी चाहिए कि वह प्रधान देश के हैं उनको कम से कम एसपीजी के जो रूल बने हुए हैं उसके आधार पर चलना चाहिए। तोड़ तो रहे हैं प्रधानमंत्री जी।

सवाल: गहलोत साहब क्या अमित शाह को अध्यक्ष पद छोड़ना चाहिए क्योंकि वह बीजेपी के अध्यक्ष भी है और गृहमंत्री भी है निर्णय कर रहे हैं उसके सवाल उठ रहे हैं....
जवाब: भैया यह सवाल तो आप मोहन भागवत जी से करते तो ठीक रहता, मुझे पूछ रहे हो यह बात तो उनसे पूछो आप क्या करना चाहिए उनको।

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