Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Inauguration ceremony of a new Academic Block & Hostel Complex at Manipal University Jaipur:

दिनांक
22/09/2019
स्थान
जयपुर


शिक्षा के बिना जीवन में अंधेरा है यह बात मैं हमेशा समझाता हूं। हम लोग पहली बार जब सरकार में आए थे धारीवाल जी भी थे और कल्ला जी भी थे, सीपी जोशी जी भी थे उस वक्त में जो आज हमारे स्पीकर है हमने तय किया कि राजस्थान को बने हुए 50 साल हुए हैं और राजीव गांधी नहीं रहे हैं हमारे बीच में जिनके सोच थी शिक्षा के प्रति तो हमने शिक्षा के लिए उस समय शिक्षा का प्रतिशत बहुत कम था अब तो यह मणिपाल यूनिवर्सिटी इसलिए आ सकी की प्रतिशत बढ़ गए राजस्थान के अंदर, माहौल बदल गया, प्राइवेट सेक्टर अलग हो गया इसलिए आना संभव हुआ। उस वक्त माहौल वह नहीं था उस वक्त के अंदर अगर हम मणिपाल यूनिवर्सिटी के लिए पारीक साहब को रिक्वेस्ट भी करते तो यह यह कहते कि संभावनाएं नहीं है वहां पर यूनिवर्सिटी चलने की, हमने 23000 स्कूले एक साथ खोल दी गांव में और ढाणियों में। उसका परिणाम यह रहा कि तमाम तबकों के अंदर शिक्षा का प्रचार प्रसार कर सके, शिक्षा आपके द्वार प्रोग्राम चलाया हमने कि घर-घर जाकर पूछो हर घर के अंदर गांव में और ढाणियों में एक भी बालक और बालिका शिक्षा से वंचित नहीं रहे और शिक्षा नहीं है तो जीवन में अंधेरा है यह कह कर के हमने अभियान चलाया था। आज माहौल बना है राजस्थान के अंदर भी, आज वह राजस्थान नहीं है जो 40 साल पहले था जहां पर अकाल सूखे पड़ते रहते थे, रोजगार नहीं था, सूखे की मार से ही लोग बर्बाद हो जाते थे, ना सड़के थी,ना पानी था, ना बिजली थी और ना शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं थी। आज राजस्थान भी 70 साल में यहां पहुंचा है उसका हमें गर्व होना चाहिए इसीलिए आज मणिपाल जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं जिसका नाम है देश के अंदर वह आज राजस्थान के जयपुर में खुल सका है। रिफाइनरी आ रही है राजस्थान के अंदर, तेल और गैस निकल गया है राजस्थान के अंदर, भाग्य बदलेगा नौजवानों का और रोजगार वहां पर मिलेगा, रिफाइनरी के साथ में पेट्रो काम्प्लेक्स भी है, इंडस्ट्री के लिए वहां पर बड़ा जोन बन रहा है। आज हमारे यहां पर माइनिंग का एरिया सर्वाधिक है देश के अंदर तमाम तरह के माइंस और मिनरल्स यहां पर है मैंने मिस्टर पारीक साहब को कहा है, अभय जैन जी को मैंने कहा है कि आप लोग इस कैंपस में माइनिंग डिपार्टमेंट खोलने का भी प्रयास करें जिससे कि यहां पर नौजवानों को आने वाले वक्त के अंदर माइनिंग में जो एक्सपर्ट चाहिए हमें वह मिल सके, रिफाइनरी में मैन पावर मिल सके यह हमारी सोच होनी चाहिए। तो मुझे उम्मीद है कि जिस रूप में मिस्टर पारीक ने जो संकल्प किया है उसके कारण से हम लोग आज यहां तक पहुंचे हैं और आने वाले वक्त के अंदर जो प्रोग्रम किये जाते हैं तो कुछ मांगे की ही जाती है वह सोच समझकर के हर चीज का ध्यान रखा जाता है, कल्ला साहब को बुलाया गया बिजली-पानी दोनों उनके पास में है, जमीन का मामला है धारीवाल साहब जी को बुलाया गया और मुझे बुलाया गया कि मेरे संकोच से दोनों मंत्री थोड़ा ध्यान रखेंगे और जब मैं उतरा तो हमारे बिरादरी वाले क्या कहते हैं मालूम है आपको? चोले-पाजामें पहनते हैं, जैकेट पहनते हैं और जब मैं उतरा तो रिसीव करने वाले कौन थे मिस्टर पारीक और यह देख लीजिए क्या ड्रेस पहने हुए हैं, अभय जैन देख लीजिए क्या ड्रेस पहने हुए हैं तो मैंने कहा दो जो है हमारे बिरादरी के लोग रिसीव कर रहे हैं तो ध्यान रखा गया है कि गेस्ट जो आये कंफर्टेबल फील करें। इस तरह से प्रोग्राम बनाया गया, घुमाया गया, दिखाया गया और इंप्रेस किया गया और हम लोग इंप्रेस हुए भी हैं यह मैं कहना चाहता हूं मणिपाल यूनिवर्सिटी हमारे राजस्थान की शान है मेरा मानना है। इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट करना कोई मामूली बात नहीं होती है, 1000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया गया, 1000 करोड़ की आगे प्लानिंग की गई है यह अपने आप में एक संदेश है राजस्थान के लिए, अच्छे संकेत है हमें इस बात का अहसास है तो आपका मान सम्मान रखते हुए हमेशा निर्णय करेंगे।
आप देखते हैं देश की स्थिति क्या है हालात बहुत गंभीर है देश के अंदर आप सब लोग इंटेलेक्चुअल बैठे हुए हो ज्यादा में कोई कमेंट नहीं करना चाहता ऐसे ही बहुत कंट्रोवर्सी चल रही है देश के अंदर, नई नई सरकार बनी है बहुत भारी बहुमत से बनी है, हम लोग विपक्ष की भूमिका में काम करना चाहते हैं और हमारी जिम्मेवारी बनती है कि हम सरकार की कमियों को जनता को बताएं, हमारी ड्यूटी है कि हम कमजोरियां और कमियां बताएं आप देखते हैं कि मीडिया भी दबा हुआ है देश के अंदर। ज्यादा बात बोलूंगा तो पारीक साहब पर भी संकट आ सकता है यह माहौल बना हुआ है देश के अंदर, ज्यादा बोलूंगा तो इनके ऊपर संकट आ सकता है कि आपने इनको बुला क्यों लिया यह माहौल देश में है आज, यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। लोकतंत्र का माहौल तो खुला होना चाहिए पॉलिटिकली हमारी भी दुश्मनी थोड़ी है किसी से, आज वह लोग सत्ता में बैठे हैं उनसे हमारी कोई दुश्मनी नहीं है लड़ाई होती है विचारधारा, नीति और कार्यक्रमों की। हार जीत की साइकिल तो चलती रहती है मैंने बताया आपको इंदिरा गांधी जैसी महान नेता, बांग्लादेश आजाद करवा दिया उस वक्त में और परमाणु विस्फोट कर दिया पोकरण के अंदर 74 के अंदर, गरीबी हटाओ का नारा दिया आज जो माहौल मोदी जी के पक्ष में है, मोदी मोदी लोग बोलते हैं चाहे व्यापार में घाटा लगता हो तो कोई बात नहीं, व्यापार बर्बाद हो जाए तो कोई बात नहीं, कर्जा चढ़ गया तो कोई बात नहीं बस मोदी है राष्ट्रभक्ति है। आज जो माहौल है वह माहौल इंदिरा गांधी का था उस जमाने के अंदर जब बांग्लादेश आजाद करवा दिया किसे कहते हैं? तो 15 दिन मैं खुद गया हूं वहां बांग्लादेश बॉर्डर पर सेवा का काम करने के लिए शरणार्थियों में, 1 करोड़ शरणार्थी आ गए थे बांग्लादेश के हमारे मुल्क के अंदर और भयंकर लड़ाई हुई और हम भी विजय हुए, 93000 उनके जर्नल, कर्नल ,सैनिक और मेजरो को हथियारों के साथ में सरेंडर करवा दिया वह माहौल भी हमने देखा है और परमाणु विस्फोट का माहौल देखा है और 4 साल बाद में इंदिरा गांधी के सत्ता चली गई तो घमंड किसी को नहीं करना चाहिए जनता माई बाप है, कब उनका मूड बदल जाए पता ही नहीं चलता लोगों को। इस देश की जनता अनपढ़ हो सकती है, कम पढ़ी लिखी हो सकती है पर अक्ल और होशियारी में यहां की जनता का मुकाबला दुनिया में कोई नहीं कर सकता। इसलिए किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए अपना अपना काम करें, सेवा करें, जो आर्थिक संकट का दौर चल रहा है उसमें पक्ष और विपक्ष सबका सहयोग ले कैसे इससे छुटकारा मिल सकता है, क्यों यहां नौकरी आ जा रही है लगना तो अलग बात है, नौकरियां जाना बहुत बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है देश के अंदर, काम धंधे ठप पड़े हैं चाहे ऑटोमोबाइल हो, रियल एस्टेट हो, व्यापार उद्योग में सब लोग संकट के अंदर है इससे कैसे निकले इस में विपक्ष का सहयोग चाहिए वह मांगे, सब मिलकर के करे कि देश के हालात खराब नहीं होने चाहिए यह हमारी सोच होनी चाहिए। बाकी तो सत्ता में कोई ना कोई आएगा, मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गया, कई बार आप मुझे बनाते हो और घर भेज देते हो यह तो आपके ऊपर हैं, हम तो हारते हैं उसके अगले दिन ही चुनाव की तैयारी शुरू कर देते हैं यह लोकतंत्र है। पिछली बार भी यही हुआ आपकी यहां यूनिवर्सिटी में आया शानदार काम किया हमने, पूरे राजस्थान के अंदर बहुत तारीफ है हो रही थी की बहुत भयंकर काम हुए हैं, सब गरीबों के लिए भी और अच्छे हुए है और वसुंधरा जी हमारे खिलाफ बोलती हुई आ रही थी कि यह जो स्कीमें लेकर आए हैं फ्री दवाई की, पेंशन की यह तो सब रेवड़ियां बट रही है, दवा नहीं है यह जहर है क्या क्या बोला जा रहा था पर भी हम लोगों को विश्वास था कि हम कामयाब होंगे इतना शानदार काम हमने किया है, मोदी जी की लहर आई और हम लोग 21 पर आ गए और मैंने कहा उस वक्त में सुन लो हमने इतने अच्छे काम किए हैं सरकार हमारी बनेगी और सरकार अगर नहीं बनी तो आने वाली सरकार काम भी नहीं करेगी और वही हुआ मुझे लगता है कि वसुंधरा जी ने मेरी बात सुन ली थी उस वक्त में। इसलिए जीतने के बाद में उन्होंने काम की तरफ ध्यान दिया ही नहीं, काम किए ही नहीं और सोच का फर्क होता है। काम क्यों नहीं किया दो-चार एमएलए गए उनके पास में वहीं 4 महीने हो गए 6 महीने हो गए लोग बाग कहते हैं कि काम हो नहीं रहे हमारे तो आपको पता है उन्होंने क्या कहा उन्होंने कहा कि पता है मेरे सामने कौन रहता है? उन्होंने कहा वह अशोक गहलोत रहते हैं पूर्व मुख्यमंत्री, तो जाके पूछ लो उनको खूब काम किए वह वहां बैठा हुआ है और मैं मुख्यमंत्री हूं यह स्थिति थी। काम जो है हमारी तरह रह गए, रिफाइनरी बंद कर दी हमारी, ब्रॉडगेज आ रही थी बांसवाड़ा डूंगरपुर में बन्द, रिफाइनरी के 5 साल बर्बाद कर दिए, मेट्रो जयपुर के आ रही थी सेकंड फेज की वह बंद कर दी अब हम लोग वापस ला रहे हैं सीतापुरा से अंबाबाड़ी तक, सब बंद कर दिए। हमारी सोच हमेशा सकारात्मक रही है, हम सोचते हैं कि सरकार बदल गई है हम वसुंधरा जी के कोई काम बंद नहीं करने जा रहे हैं, भेरो सिंह साहब सत्ता से चले गए कोई उनके काम बंद नहीं किए। दूसरी बार जब मैं मुख्यमंत्री बना 2008 के अंदर तब तक अभय जैन साहब वसुंधरा जी के बहुत नजदीक आ चुके थे और अच्छे काम भी कर रहे थे, यहां का मणिपाल है, अक्षय पात्र है और जो भी है काफी अच्छा था मैं उनको जानता नहीं था, जब मैं मुख्यमंत्री बना तो यह डर कर के मेरे पास में आए थे की यह काम तो करेंगे नहीं क्योंकि मैं तो वसुंधरा जी का आदमी हूं, इनको पूछो इनको महसूस भी नहीं होने दिया कि मैं किसका आदमी हूं। यह कैंपस खड़ा हुआ है इसी कारण खड़ा हुआ है अगर वसुंधरा जी किस तरह मेरी सोच होती है तो ना तो यह केंपस बनता है, ना अभय जैन बार-बार राजस्थान आते, राजस्थान छोड़ देते यह और कोई प्रदेश पकड़ते की छोड़ो यहां गुजरात चलो या और कहीं चलो। हमने इनको महसूस होने ही नहीं दिया कि आप किसके नजदीक हो, वेलकम किया इनका हमने इन्होंने खुद ने भी बताया आपको। इसी यूनिवर्सिटी का एक्ट बनाया, जमीन दी इनको जो मांगा दिया इनको और आज यह कैंपस बन गया इसलिए कहने का मतलब यह है हमेशा सरकारे बदलती रहती है, आप 70 साल में क्या हुआ क्या हुआ नई पीढ़ी को गुमराह करते हो, सोशल मीडिया का मिस यूज करते हो, धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करते हो, क्या हम लोग राष्ट्रवादी नहीं बैठे हुए हैं यहां पर कौन हमारे में से राष्ट्रवादी नहीं है बता दीजिए? कौन राष्ट्रवाद की बात नहीं करता है यह राजनीति का अंग नहीं होना चाहिए। दुनिया के अंदर कोई खूबसूरत व्यवस्था है राज चलाने की तो वह लोकतंत्र है, लोग क्या सोचते हैं उसके अकॉर्डिंग फैसले होते हैं।
तो मैं लंबी बात कह गया उसके लिए माफी चाहता हूं आपसे तो मुझे अच्छा लगा कि मैं आज आपके बीच में खड़ा हूं। मिस्टर पारीक साहब और अभय जैन का मैं आभारी हूं, हम सब को बुलाया याद किया जैसा भंवर सिंह जी ने कहा मैंने अभी 50 के करीब कॉलेज खोले हैं राजस्थान के अंदर, राजस्थान सिरमौर बने देश के अंदर चाहे लड़कियों की शिक्षा हो या लड़कों की शिक्षा हो। किस प्रकार से राजस्थान शिक्षित होगा तो स्वत: ही यह बात हम करते हैं बार-बार पिछड़ा राज्य जो है वह नहीं रहेगा। क्योंकि आजकल तो नॉलेज ही पावर है, ज्ञान है तो शक्ति है आपके पास में, आईटी का जमाना है राजीव गांधी ने 21वीं शताब्दी की बात की थी तो आज देख लीजिए हर हाथ में मोबाइल फोन, कंप्यूटर आ गए हैं, जमाबंदी हो, रेल का टिकट खरीदना हो, सब सुविधाएं आईडी के माध्यम से मिल रही है, दुनिया मुठ्ठी में हो गई है सपना राजीव गांधी का था जो आज आपके सामने हैं। उस वक्त में भी जब कंप्यूटर लाने की बात की गई थी तो यही लोग जो आज सत्ता में है उन्होंने कहा यह कंप्यूटर ला रहे हैं इनका दिमाग खराब हो गया है, कंप्यूटर लाएंगे तो बेरोजगारी फैल जाएगी बैल गाड़ी में बैठ कर आए थे पार्लियामेंट के अंदर ही है लोग, बताने के लिए कि देखी इतनी बेरोजगारी फैल जाएगी। पर आज देख लीजिए बिना कंप्यूटर के किसी का काम चलता नहीं है, बिना मोबाइल फोन के तो आप रह ही नहीं सकते हो, दुनिया के अंदर क्या हो रहा है आप पूरा देख सकते हैं कितनी बड़ी क्रांति हो गई है तो यह सोच की बात थी कि इसलिए 21 वी शताब्दी की बात कही कि और उसमें हम लोग कामयाब होंगे और आज हमारे नौजवान अमेरिका में छा गए हैं, उनको कहना पड़ता है कि अमेरिका के नौजवानों सुन लो आपने मेहनत नहीं की तो हिंदुस्तान का नौजवान आपसे बहुत आगे निकल जाएगा।
आप लोगों के आशीर्वाद से तीसरी बार मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो आप निश्चित रहो, संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन का वादा किया है उस को आधार बनाकर के ही हम काम करेंगे। सबको साथ लेकर के चलेंगे। धन्यवाद

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