Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media in Jaipur (3 August)

दिनांक
03/08/2020
स्थान
जयपुर


मैंने कल ही कहा था आपको, रक्षाबंधन की शुभकामनाएं हम दे चुके हैं, दे रहे हैं, दुःख इस बात का है कि रक्षाबंधन के दिन भी हमारे माननीय विधायकों को घर जाने से वंचित होना पड़ा, इस बात का मुझे दुःख है और ये क्यों परिस्थिति बनी आप सबको मालूम है। हमारी सबकी प्रायोरिटी है देश में लोकतंत्र मजबूत बने, हम सबकी देशवासियों की हो, प्रदेशवासियों की, हर व्यक्ति की प्रायोरिटी है और डेमोक्रेसी बचाने के लिए सबकुछ किया जा रहा है और मुझे विश्वास है कि प्रदेश की जनता पूरे खेल को देख रही है, जिस रूप में सरकार को टॉपल करने का प्रयास किया गया, ये तीसरा अटेंप्ट था, दो अटेंप्ट पहले हो चुके थे और कर्नाटक में, मध्यप्रदेश का सबसे मालूम हैं। राजस्थान के अंदर और बड़े रूप में उनकी तैयारी थी। इतना बड़ा गैप है तब भी बेशर्माई से, कोई शर्म ही नहीं आ रही थी कि कहां तो 73 और कहां 122 हमारे पास थे, तब भी गेम खेला गया धन-बल के आधार पर, वो मैं कई बार कह चुका हूं, हॉर्स ट्रेडिंग बड़े रूप में की गई, अभी भी की जा रही है, अभी भी टेलीफोन आते हैं और क्या-क्या नहीं कहा जा रहा है सब जानकारी में आता है वापस हमारे। तो ये खेल पूरा मुल्क देख रहा है और अल्टीमेटली जो भारत सरकार में बैठे हुए नेता हैं, जिनके नाम मैं पहले ले चुका हूं, मैं नहीं समझता कि जनता की नजर से कोई बचेगा, अल्टीमेटली सच्चाई की जीत होती है। सच्चाई हमारे साथ में है, जीत असली सच्चाई की ही होगी ये मैं कह सकता हूं।

सवाल- सर तीन मंत्रियों के नाम लिए हैं वो मौन हैं और खंडन भी नहीं कर रहे हैं, खुद को ही मान रहे हैं आरोपी, न किसी तरह की कार्रवाई कर रहे हैं?
जवाब- और भी कई लोग षड्यंत्र में शामिल हैं, इसलिए नाम लिए मौन रखना, आप समझ सकते हो क्यों रखते हैं मौन और जिस रूप में राजस्थान के केंद्रीय मंत्री जी ने जो गेम प्ले किया ओवर एंबिशियस बनकर के, उनको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए था, वो तो पूरे मैदान में ही कूद पड़े। सारी राजस्थान की परंपराओं को और यहां का जो मिजाज़ है लोगों का, पॉलीटिशियन का, उसको भी भूल गए क्योंकि नए-नए एमपी बन गए, फिर जल्दी चांस मिल गया मंत्री बनने का केंद्र में तो जल्दबाज़ी हो गई उनको। इसीलिए मैंने कहा कि टेकऑफ होने के पहले ही वो धराशायी खुद ही हो गए। अब चाहे उनकी पार्टी कितना ही सोच ले उनके बारे में, जनता उनके नाम को कभी स्वीकार नहीं करेगी। ऐसे व्यक्ति को, पूरी चुनी हुई सरकार को टॉपल करने के गेम में शामिल हो, जो खुद स्कैम में फंसा हुआ हो, वो कौनसी सोसायटी है, मैं नाम भूल जाता हूं बार-बार, संजीवनी सोसायटी में फंसा हुआ हो, पूरा खेल किस प्रकार से खेला गया। दुःख इस बात का है कि छापा तो उनके यहां पड़ना चाहिए सीबीआई का भी, या ईडी का भी, पड़ रहा है उन लोगों के ऊपर जिनके नाम, जिनके संबंध, जिनके रिश्ते हम लोगों से जुड़े हुए हैं, बेवजह पड़ रहे हैं, कोई कारण भी नहीं है। इस प्रकार के हालात जो देश में बन चुके हैं ईडी को लेकर, सीबीआई को लेकर, इनकम टैक्स को लेकर, बहुत दुःखद और बहुत डरावने हैं ये, सब डरे हुए लोग हैं। टेलीफोन पर बात कर नहीं सकते अब, फेसटाइम पर आ जाइए आप, पूरा देश ये कर रहा है, तो कैसे कब तक बर्दाश्त लोग करेंगे, लोग सड़कों पर आ जाएंगे। इनको समझना पड़ेगा, इस खेल को खेलना बंद करो, जो चुनी हुई सरकार है उसको चलने दो, केंद्र सरकार पूरा सहयोग करे क्योंकि कोविड की लड़ाई लड़ी है असली में किसी ने तो प्रधानमंत्री जी, उनकी सरकार ने कॉर्डिनेट किया है, हमने उसको एप्रिशिएट किया, परंतु असली लड़ाई लड़ी है राज्यों की सरकारों ने, सीधा वास्ता उनका पड़ता है पब्लिक का। जीवन बचाने का, आजीविका बचाने का काम किया है तो राज्य सरकारों ने किया है, आम जनता ने किया है, सबके सहयोग से ये राजस्थान में हुआ है और फिर आप ऊपर से उस वक्त में भी जब कोरोना अभी तो गया नहीं है बल्कि फैल रहा है उस दरमियान में अगर आप ये हथकंडे अपनाओ टॉपल करने का, उसको जनता कैसे माफ कर सकती है? मेरा मानना है।

सवाल- सर बीजेपी के ट्रैप में जो भटककर गए विधायक उनके थोड़े बयान आ रहे हैं कि हम विधानसभा में आएंगे, कहीं आत्मग्लानि महसूस हो रही है, रणनीति बदल रहे हैं, पक्ष में वोट देने जैसी बातें आ रही हैं, स्टेटमेंट आ रहे हैं?
जवाब- देखिए ये तो वो जानें, उनका ज़मीर जाने, मैं तो आपको कह चुका हूं उनके बारे में कि ये फैसले हम तो करते नहीं हैं, उनका किसी से संपर्क है वो मुझे मालूम नहीं है। हाईकमान जो फैसला करता है, हम जैसे अनुशासित सिपाही को तो वो मंजूर होता है, ये बात है।

सवाल- सर उनके क्षेत्र में खूब कॉलेज खोली हैं, विकास कार्य हो रहे हैं?
जवाब- कॉलेज खोलनी हैं, विकास करना है, अगर वहां के MLA ने मान लीजिए रिवॉल्ट किया है, इसको आप असंतुष्ट गतिविधि नहीं कह सकते हो, इसको कहना चाहिए रिवॉल्ट किया है, तो मेरा फर्ज बनता है मैं उनके क्षेत्रों की जनता की भलाई के काम करूं, जनता ने क्या कसूर किया? जनता ने उनको जिताकर भेजा था विधानसभा के अंदर, अगर उन्होंने मान लीजिए नाइत्तेफाक़ी रखी मुझसे, उनका बदला जो है या कहना चाहिए कि उनके कारण से जनता सफ़र नहीं करनी चाहिए, ये मेरी सोच हमेशा से रही है।

सवाल- कोविड को लेकर प्रधानमंत्री को दोबारा खत लिखा है कि मुख्यमंत्रियों से दोबारा संवाद करें, इसके बारे में क्या कहना है?
जवाब- यही कहना है कि दो दिन का सम्मेलन करें, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करें, क्योंकि जब एक ही दिन करते हैं तो बस 8-10 मुख्यमंत्री ही बोल पाते हैं और दो दिन करते हैं तो फिर सब मुख्यमंत्री बोल पाते हैं, इसलिए मैंने कहा कि दो दिन सम्मेलन होना चाहिए।

सवाल- सर राजस्थान की जनता भी चाहती है कि चुनी हुई सरकार को गिराना गलत है। आप कहते हैं कि मैं जाता हूं तो मुझे विक्ट्री के चिन्ह दिखाते हैं, बीजेपी के लोग भी कह रहे हैं कि ये गलत है?
जवाब- आप ठीक कह रहे हैं कि जनता के घर-घर के अंदर आक्रोश है, वो देख रहे हैं कि आक्रोश इतना भयंकर है कि कल्पना नहीं कर सकते। इनके प्रति जो प्यार-मोहब्बत-भाईचारा और आदरभाव होना चाहिए थे विधायकों के प्रति, मैं समझता हूं कि उसमें कमी आएगी और मैं ये नहीं चाहता कि मैं कोई भड़काने का काम करूं जनता को पर क्योंकि इन्सान जो होता है वो देखता है कि हमारे विधायकों ने इस प्रकार का ट्रीटमेंट क्यों किया, जबकि उन सबके वहां काम ज्यादा हो रहे थे, जो विधायक गए हैं उनकी शिकायत कोई थी ही नहीं कामों से। अब क्योंकि बाड़ेबंदी में बैठे हुए हैं वहां पर इसलिए जानबूझकर कह रहे हैं कि हमारे काम नहीं हो रहे थे, हम असंतुष्ट थे। आज तक कोई शिकायत उन्होंने की ही नहीं, बल्कि तारीफ की, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तारीफ की, मिलते थे तो तारीफ करते थे, कोई उनको शिकायत नहीं थी, पर अब शिकायतें पैदा करने का प्रयास करते हैं। जनता मैं समझता हूं कि सब देख रही है और इसीलिए मैंने कहा कि हम जब निकलते हैं तो थड़ी पर, दुकान पर, चौराहों पर खड़ी जनता विक्ट्री का साइन करती है, हाथ वेव करती है, क्यों कर रही है? जनता समझ रही है, हो क्या रहा है राजस्थान के अंदर। एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है। इसलिए आज जब बसें जाती हैं या कारों में हम जाते हैं तो लोग इसलिए सपोर्ट कर रहे हैं कि वास्तव में तमाशा बीजेपी ने बहुत भयंकर किया है, अनैतिक किया है, चुनी हुई सरकार को टॉपल करने का काम किया है और जनता यहां बीजेपी को माफ भी नहीं करेगी, धन्यवाद।

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