Shri Ashok Gehlot

Former Chief Minister of Rajasthan, MLA from Sardarpura

Talked to media at SMS Medical College:

दिनांक
26/02/2020
स्थान
जयपुर


सवाल- दिल्ली में दो दिन से जिस तरह का घटनाक्रम हो रहा है उसे किस तरह से देखते हैं ?
जवाब- देखिए पूरे देश की इकोनॉमी जो है, किसी भी मुल्क की इकोनॉमी डिपेंड करती है कि सामाजिक सौहार्द्र कैसा रहे। पूरे मुल्क की इकोनॉमी कोई देश हो कोई प्रदेश हो उस पर निर्भर करती है कि कैसा सामाजिक सौहार्द्र हो। जिस प्रकार चुनाव के अंदर कैंपेन चलाया गया ध्रुवीकरण करने का दिल्ली के अंदर उसका परिणाम है कि उस वक्त तो कामयाब नहीं हो पाए वो लोग और उस वक्त तो जनता ने सबक सिखा दिया पर उसका परिणाम है कि जो कैंपेन चला जिस रूप में, जिस ढंग से ध्रुवीकरण किया गया उसका परिणाम है कि आज आप सब देख रहे हो, पूरी दुनिया देख रही है कि यूएसए प्रेसीडेंट यहां आए हुए हों, ये मैंने मेरी जिंदगी में पहली बार देखा है कि कोई राष्ट्राध्यक्ष या प्रधानमंत्री बाहर के मुल्क का आए और जिस मुल्क में जा रहा है वहां आग लगी हुई हो राज्यों के अंदर भी, जिलों के अंदर भी और राजधानी के अंदर भी, फायरिंग हो रही हो, लोग मर रहे हों, आज तक का इतिहास गवाह है, कोई राष्ट्रपति का प्रोग्राम बना राष्ट्राध्यक्ष का या प्रधानमंत्री का बना और अगर वहां यदि कुछ ऐसी घटनाएं हो गई हैं तो वो प्रोग्राम उनके कैंसिल हो जाते हैं। ये पहली बार मैं देख रहा हूं कि जो सुपर पॉवर है दुनिया की अमेरिका के राष्ट्रपति आ रहे हैं, उसके दरमियान उनको मालूम था कि वहां क्या हो रहा है, धरने चल रहे हैं पूरे मुल्क के अंदर, आग लगी हुई है, लोग मरे यूपी के अंदर 15 लोग पहले ही मर गए थे और सब जगह धरने चल रहे थे राजधानी के अंदर, तब भी उनका प्रोग्राम पक्का रहा, कैंसिल नहीं हुआ। और आने के दरमियान में भी जिस प्रकार से जो कुछ देखा आप लोगों ने कैसे कैंपेन चले वो देखा आपने और कैसे वो आगजनी हुई दिल्ली के अंदर, और राज्यों में भी धरने चल रहे हैं तो क्या राष्ट्रपति के जो सिक्योरिटी वाले होते हैं उनको मालूम नहीं होता है। पल-पल की खबर लगती है उस राष्ट्राध्यक्ष के तमाम लोगों को कि क्या हो रहा है मुल्क के अंदर, तब भी वो आए। उनकी यात्रा के दरमियान सब हुआ और कोई रिएक्शन नहीं है। अभी तक तो प्रधानमंत्रीजी, गृहमंत्री जी कोई बोल ही नहीं रहे हैं। ये बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इतनी बड़ी घटनाएं हो गईं, 10-15 लोग मर गए दिल्ली के अंदर, हो क्या रहा है देश के अंदर, हो क्या रहा है देश में, हो क्या रहा है देश के अंदर किसी को नहीं मालूम है, ऐसी स्थिति में देश चल रहा है जो बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। हम तो अपील करना चाहेंगे चाहे कोई पक्ष-विपक्ष हो, चाहे कोई धर्म के लोग हों, जाति के लोग हों, हिंसा का स्थान नहीं होना चाहिए। जीवन के अंदर हिंसा का स्थान कभी नहीं होना चाहिए और महात्मा गांधी ने हमें यही सिखाया है उसके बाद भी महात्मा गांधी का नाम जो ढोंगी बनकर ले रहे हैं, उनकी पार्टी के लोग क्या-क्या कर रहे हैं, उनका कोई विश्वास महात्मा गांधी के अंदर नहीं है, उनकी नीतियों के अंदर नहीं है नंबर एक, नंबर दो मुझे इस बात का अफसोस है कि मिस्टर ट्रंप साबरमती आश्रम में गए, पुस्तिका में कमेंट लिखे और महात्मा गांधी का नाम तक नहीं लिखा। जो व्यक्ति महात्मा गांधी को मानता ही नहीं है, जिस व्यक्ति की विचारधारा महात्मा गांधी से मिलती ही नहीं है, उनको आप ले गए साबरमती आश्रम ले गए और जो कमेंट लिखे जाते हैं वहां महात्मा गांधी का नाम नहीं लिखा, वहां नरेंद्र मोदी जी का नाम लिखा, वो मुझे यहां लेकर आए हैं। ये मैं समझता हूं कि देश की प्रतिष्ठा को ठेस लगी है इस बात को लेकर के ये मेरा मानना है।

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