Talked to media in Delhi after AICC Meeting..
दिनांक
16/11/2019 |
स्थान
Delhi
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मीटिंग अच्छी हुई और मीटिंग जिस मकसद से थी वह मकसद पूरा हुआ क्योंकि कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी जी ने प्रोग्राम दिया है कि धरने प्रदर्शन पूरे देश में ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर और प्रदेश स्तर पर होनी चाहिए जिससे कि इनकी जो आर्थिक नीतियां हैं जिनसे देश बर्बाद हो रहा है, रोजगार मिल नहीं रहा है रोजगार जा रहा है, व्यापार धंधे ठप हो गए हैं, हर व्यक्ति दुखी है, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, ज्यूडिशरी पर दबाव चल रहा है यह माहौल बन गया है देश के अंदर, यह माहौल लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है चाहे किसी के भी राज में बनो। यह माहौल बना है एनडीए गवर्नमेंट के वक्त में बना है, कांग्रेस को मैंडेट दिया है विपक्ष में रहने का कि कांग्रेस का यह फर्ज है, कर्तव्य है हम जनता की भावनाओं के अनुरूप खड़े दिखे और संघर्ष करें यह जनता का मेंडेट और उसको हमें फॉलो करना चाहिए। इसलिए आज यह मीटिंग बुलाकर के तमाम पीसीसी प्रेसिडेंट को, सीएलपी लीडर को, सब नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है जनरल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी, अग्रिम संगठनों के अध्यक्षों को आप सब जाइए और इस प्रोग्राम को इंप्लीमेंट करवाइए, नंबर दो जो रैली होगी तारीख बाद में तय होगी किस तारीख को नेशनल रैली करनी है
इस देश के अंदर क्या हो रहा है, किसी को उम्मीद नहीं थी कि जो वादे मोदी जी कर रहे थे बड़े-बड़े 2014 के अंदर वादे कर रहे थे कि 30 दिन में काला धन ले कर के आ जाऊंगा दुनिया के मुल्कों से, दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, अच्छे दिन आएंगे पता नहीं क्या क्या कहा गया वह सारे वादे जो उस वक्त में बोलते थे, लंबी चौड़ी बातें बोलते थे, वह तमाम बातें जो है 2019 के चुनाव में नहीं बोली गई है और ना अब बोलते हैं इसका मतलब है 2014 में धोखा दिया गया जनता को, देश की जनता को धोखा दिया गया 2014 में जो वादे किए उन वादों पर वह क्यों नहीं चर्चा कर रहे हैं? क्यों नहीं राष्ट्रीय बहस करवा रहे हैं कि यह वादे मैंने पूरे कर दिए, यह वादे मैं पूरे नहीं कर पाया मेरी मजबूरी थी कोई बात नहीं डेमोक्रेसी में सही है, पर वह नहीं बोले जा रहे हैं और राष्ट्रवाद के नाम पर, धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, सेना के पीछे छिपकर के राजनीति हो रही है, अब 370 लेकर के आ गए, मंदिर लेकर के आ गए यह अपनी जगह है यह चलेंगे जुडिशरी का अपना काम है वह करेंगे परंतु देश चाहता है कि अर्थव्यवस्था का क्या होगा और मैंने पहले भी कहा कि वित्त मंत्री के खुद के परिवार के लोग, उनके पतिदेव कहे कि इन लोगों को समझ ही नहीं है अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है इन लोगों को पंडित नेहरू की जो नीतियां सामाजिक सरोकार को लेकर थी उसको तो साइलेंट कर दिया और अब इनको चाहिए कि नरसिम्हा राव जी के वक्त में, मनमोहन सिंह जी के वक्त में जो नीतियां थी डॉ मनमोहन सिंह जी की उनको लेकर के देश को आगे बढ़ाना चाहिए तो देश बच जाएगा। आप बताइए इनकी खुद की पार्टी में ऐसी बातें होने लगी है तो मीडिया को दबाव में कब तक रखेंगे? आज मीडिया को दबा कर के रख रहे हैं, मीडिया के एडिटर हैं मालिक हैं सब दबे हुए हैं, प्रणव रॉय के तो छापे पड़ गए हैं और आगे भी मीडिया वाले सोचते हैं कि पता नहीं हमारे यहां कब छापा पड़ जाएगा इनकम टैक्स का, ED का हम कुछ नहीं कर पाएंगे। मुझे पता नहीं आपके मीडिया वाले मेरी बात को देंगे या नहीं देंगे मैं नहीं जानता पर देश में हालात ऐसे बने हैं कि पूरा मीडिया दबाव के अंदर है उस दबाव में देश चल रहा है। डेमोक्रेसी खतरे में है मेरे हिसाब से अगर यही रवैया रहा इतिहास हमें माफ नहीं करेगा जो लोग नहीं बोलेंगे, चुप रहेंगे उनको इतिहास माफ नहीं करेगा। आने वाली पीढ़ियों को हमें बताना पड़ेगा कि उस वक्त में हमने क्या किया था।
सवाल: सर विंटर सेशन शुरू होने वाला है शीतकालीन सत्र में भी आप पर संसद में इसको उठाएंगे...
जवाब: जब कांग्रेस पार्टी प्रोग्राम दे रही है देशव्यापी तो स्वाभाविक है कि जो मुद्दे अंदर होंगे बाहर होंगे और समन्वय होकर होना भी चाहिए।
सवाल: सर राफेल के मुद्दे पर अब कांग्रेस का क्या स्टैंड है...
जवाब: जो राहुल गांधी जी का स्टैंड है वही कांग्रेस का स्टैंड है। क्लियर कट है कि मान लो जस्टिस जोसेफ ने कहा है, क्यों कहा उन्होंने, हेड लाइन बनना अलग बात है, हेडलाइन बन सकती है कुछ भी सुप्रीम कोर्ट में क्या फैसला दे दिया पर जो जजमेंट पढ़ोगे आप उसमें क्यों गली रखी गई है अगर कोई चाहे तो सीबीआई के पास में जा सकते हैं, सीबीआई चाहे जांच कर सकती है फॉर्मेलिटी पूरा करनी पड़ेगी यह बात तो ठीक है बिना फॉर्मेलिटी के तो वह लोग कुछ कर भी नहीं सकते पर सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अवसर था जांच ही तो करवानी थी, जांच ही तो करवानी थी उसके बाद में फैसला कुछ भी आता है, सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अवसर था मेरे हिसाब से मेरी व्यक्तिगत राय है वह चाहते तो जांच के लिए आदेश कर सकते थे, दूध का दूध पानी का पानी हो जाता है वह चाहते तो जेपीसी का आदेश कर सकते थे, जेपीसी बनेगी, वह आदेश भी नहीं किया उन्होंने यह भी नहीं कहा कि आप जो है सीबीआई जांच कर ले, एसआईटी बना दो भाई, कुछ भी फैसला कर सकते थे पर यह सुप्रीम कोर्ट के ऊपर है कि वह क्या फैसला करें उसमें हम लोग हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं क्योंकि आज जुडिशरी का सब सम्मान करते हैं और ज्यूडिशरी रहेगी तब लोकतंत्र बचेगा हम जानते हैं इस बात को।
सवाल: सर महाराष्ट्र का पेच अभी भी फंसा हुआ है क्या आप लोग सरकार बनाएंगे....
जवाब: कोई पेच नहीं फंसा हुआ है सब ठीक होगा।
सवाल: राजस्थान को लेकर के क्या है....
जवाब: राजस्थान तेज गति से आगे बढ़ रहा है शानदार स्कीमें आ रही है वहां, मेनिफेस्टो में जो बातें की है उनको पूरे कर रहे हैं।
धन्यवाद।